Baba ka Barbar लगा है और वह किसी के मन की बात बता रहा है। उसका लॉजिक क्या है। बाबा का दरबार सजा है लोगों की भीड़ लगी है। वह सबकी समस्या कागज पर पहले ही लिख देता है। यह सब कैसे होता है। दूसरे के मन की बात बता देना यह एक विज्ञानं है जिसे सीखना पड़ता है। Baba ka dhaba कैसे लोगों को बेबकूफ बना रहा है। जानिए यह सब कैसे होता है।
आज भारत में बहुत सारे लोग अपनी समस्याओं का समाधान पाने के लिए बाबाओं के दरवाजे पर दस्तक देते हैं। भारत में कुछ ऐसे बाबा है जो बिना किसी लोभ-लालच लोगों की समस्याओं का समाधान करते हैं, लेकिन कुछ ऐसे भी हैं जो पब्लिक को बेवकूफ बनाने की कोशिश करते हैं। उनके यहां हजारों की संख्या में लोग पहुंचते हैं और उन्हें लगता है कि बाबा कोई चमत्कार कर देंगे और हमारा जीवन धन्य धन्य हो जाएगा लेकिन ऐसा होता नहीं है। भारत में अभी भी बहुत सारे ऐसे बाबा लोग हैं जो आदमी को देख करके उसकी समस्या को एक कागज पर लिखकर के दिखा देते हैं कि आपकी इस प्रकार की प्रॉब्लम है और इतने दिन में ठीक होगा। लेकिन आम आदमी को यह पता नहीं है कि किसी के भी मन की बात एक कागज पर लिख करके बता देना कि आपकी ऐसी ऐसी समस्याएं हैं। यह एक मनोवैज्ञानिक तरीका है। जिसका उपयोग करके पब्लिक को बेवकूफ बनाते हैं।
लोग समझते हैं कि बाबा बहुत बड़े अंतर्यामी हैं हमारी सारी समस्याओं को जानते हैं और उसे दूर कर सकते हैं। अगर बाबा के पास इतनी क्षमता होती तो भारत के जितने भी गरीब और लाचार, असहाय, बेसहारा लोग हैं उनकी सब की समस्याएं दूर कर देते। यह बाबा लोग अपनी तकनीक का उपयोग करके आम आदमी को बेवकूफ बनाते हैं इस तरह के बाबा लोग अपनी पब्लिसिटी बटोरते हैं और बोलते हैं कि हमें किसी का एक पैसा भी नहीं चाहिए लेकिन दानपात्र हर बाबा के आश्रम में लगा होता है। जहां पर लोग थोड़े बहुत भी दान करते हैं तो एक मोटा रकम उनके पास इकट्ठा हो जाता है। यह ऐसा टेक्निक है जो सीधे रास्ते से पैसे ना ले करके दान के रुप में पैसा इकट्ठा करते रहते हैं। यह बाबा लोग लोगों को बोलते रहते हैं हमें किसी का कोई पैसा नहीं चाहिए, हम किसी का कुछ नहीं लेते हैं, लेकिन देखा जाए तो ऐसे तरीके अपनाते हैं जिससे आम लोगों को शक भी नहीं होता है और एक अच्छा खासा मोटा रकम दान के माध्यम से इकट्ठा हो जाता है। फिर बड़े-बड़े आश्रम भी बन जाते हैं। मैं यह नहीं कहता कि भारत में अच्छे साधु संत नहीं हैं। बहुत अच्छे-अच्छे भारत में साधु संत हैं जो लोक सेवा में लगे हुए हैं और उनका मकसद लोगों की जेब खाली करना नहीं होता है। लेकिन कुछ ऐसे लोग हैं जो अपने दिमाग के मनोवैज्ञानिक टेक्निक को अपनाकर आम पब्लिक के मन की कुछ बातें बता कर उन्हें बेवकूफ बनाते हैं। और इसका फायदा उठाकर अपना धंधा खूब चलाते हैं। मैं किसी बाबा का नाम लेना नहीं चाहता लेकिन जो भी लोग किसी भी बाबा के दरबार में जाते हैं तो उन्हें खुद सोचना चाहिए की अगर कोई हमारी मन की बात हमारे घर की बात बता रहा है तो उसके पीछे लॉजिक क्या है। अगर बाबा अंतर्यामी होते तो हमारे देश की सारी समस्याएं खत्म हो जाती है। लेकिन ऐसा नहीं होता है। मैं अपील करता हूं कि अगर कोई भी आदमी इस तरह की मायाजाल में फंसा है तो यूट्यूब पर कृति पारेख का वीडियो जरूर देखें। जिसमें उन्होंने बताया है किस तरह से किसी के भी माइंड को रीड किया जा सकता है और उसके अंदर क्या-क्या समस्याएं हैं सारा लिख करके बताया जा सकता है। आगे मैं यही कहना चाहता हूं कि अगर आप कहीं पर भी बाबा के दरबार में जा रहे हैं और आपको अपनी समस्याओं का समाधान मिल रहा है तो आप वहां पर जरूर जाएं और आपको लगता है कि हमें बेवकूफ बनाया जा रहा है तो आप अपना कदम वहां न रखें।