साध्वी अनादि सरस्वती (Anadi Saraswati) ने बहुत ही कम उम्र में अपने को अध्यात्मिकता तरफ मोड़ लिया और वह एक सन्यासी बन गई। साध्वी अनादि सरस्वती (Anadi Saraswati) की बड़ी संख्या में फॉलोवर्स हैं। वह सोशल मीडिया पर बहुत एक्टिव रहती हैं। सोशल मीडिया में उनका क्रेज किसी सैलरी सेलिब्रिटी से कम नहीं है। आइए जानते हैं कि अनादि सरस्वती (Anadi Saraswati) आखिर है कौन ?
साध्वी अनादि सरस्वती ने बहुत कम उम्र में ही संयास ले लिया और संसार की तरफ से अपना मुख मोड़ लिया। यूट्यूब, फेसबुक, इंस्टाग्राम पर अनादि सरस्वती (Anadi Saraswati) को हजारों लोग फॉलो करते हैं। वह सोशल मीडिया की आइकॉन बनी हुई है। सोशल मीडिया में उनका क्रेज इतना ज्यादा है कि किसी सेलिब्रिटी से वह कम नहीं हैं। अनादि सरस्वती (Anadi Saraswati) मूल रूप से राजस्थान की रहने वाली हैं और उन्होंने समाजशास्त्र में m.a. किया है। इसके साथ ही विज्ञान की भी उनको अच्छी जानकारी है। पढ़ाई के बाद अनादि सरस्वती (Anadi Saraswati) पतंजलि योग दर्शन, वेदांत, भगवत गीता आदि का ज्ञान प्राप्त किया। इसके बाद वह अध्यात्म के रास्ते पर चल पड़ीं। अनादि सरस्वती ने 2008 में गुरु देवेंद्र स्वामी प्रेमानंद सरस्वती से दीक्षा प्राप्त की थी। उन्होंने महानिर्वाण अखाड़े की पवित्र परंपरा के अनुसार दीक्षा प्राप्त की थी।
अनादि सरस्वती एक Motivational Speaker भी हैं और कई बड़ी-बड़ी कंपनियां और संस्थान अपने कर्मचारियों का मनोबल बढ़ाने के लिए उन्हें आमंत्रित भी करते हैं। अनादि सरस्वती को सुनने वालों की संख्या लाखों में है। लोग उनकी वाकशैली के भी कायल हैं। अनादि सरस्वती (Anadi Saraswati) फेसबुक, टि्वटर, इंस्टाग्राम आदि सोशल मीडिया पर बहुत पॉपुलर हैं और उनकी तमाम तस्वीरें और वीडियो वायरल हो जाती है।
सोशल मीडिया मे वह हर पोस्ट की शुरुआत में ओम नमः शिवाय करती हैं और उन्हें लाखों लोग फालो भी करते हैं। अनादि सरस्वती चिति संस्थान योग नाम की एक संस्था की चलाती है और उसकी वह चेयरमैन भी हैं।
अनादि सरस्वती (Anadi Saraswati) द्वारा लिखित एक सच्ची कहानी
एक दिन चेन्नई में समुद्र के किनारे धोती व शाल पहने हुए एक सज्जन *भगवद गीता* पढ़ रहे थे, तभी वहां एक लड़का आया और बोला “आज साइंस का जमाना है, फिर भी आप लोग ऐसी किताबे पढ़ते हो, देखिए जमाना चांद पर पहुंच गया है और आप लोग वही *गीता* व *रामायण* पर ही अटके हुए हो?”
उन सज्जन ने उस लड़के से पूछा “आप *गीता जी* के विषय में क्या जानते हो?”
वह लड़का जोश में आकर बोला “अरे छोड़ो!.. मैं विक्रम साराभाई रीसर्च संस्थान का छात्र हूँ, I’m a Scientist.. यह *गीता* बेकार है हमारे लिये।”
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वह सज्जन हसने लगे, तभी दो बड़ी बड़ी गाड़िया वहां आयीं.. एक गाड़ी से कुछ ब्लैक कमांडो निकले और एक गाड़ी से एक सैनिक, सैनिक ने पीछे का दरवाजा खोला तो वो सज्जन पुरुष चुपचाप गाड़ी में जाकर बैठ गये।
लड़का यह सब देखकर हक्का बक्का था, उसने दौड़कर उनसे पूंछा “सर.. सर आप कौन हो?”
वह सज्जन बोले “मैं विक्रम साराभाई हूँ।”
सुनकर लड़के को 440 वोल्टस का झटका लगा।
यह लड़का डा. अब्दुल कलाम थे।
इसी *भगवद गीता* को पढ़कर डॉ. अब्दुल कलाम ने आजीवन मांस न खाने की प्रतिज्ञा कर ली थी।
*गीता* एक महाविज्ञान है,
गर्व कीजिये।
हर हर महादेव