Diabetes cure

जब भी हमें डायबिटीज होता है तो हमारे शरीर में Blood Sugar Level बढ़ जाता है यानी हमारे ब्लड में शुगर की मात्रा अधिक हो जाता है। यह अधिक तभी होता है जब हमारा शरीर एक्स्ट्रा शुगर को एब्जार्ब नहीं कर पाता है। यही एक्स्ट्रा शुगर जब हमारे शरीर के किसी अंग में इकट्ठा होना शुरू हो जाता है तो हमें अलग-अलग तरह की बीमारी होती है। लेकिन Extra Sugar जब ब्लड में घूमता रहता है तो डॉक्टर बोलते हैं कि आपको डायबिटीज हो गया है। लेकिन यही एक्स्ट्रा शुगर अगर किडनी में इकट्ठा होता है तो किडनी की बीमारी हो जाती है। पेट में कहीं इकट्ठा होता है तो पेट की बीमारी हो जाती है। लीवर में इकट्ठा होता है तो लिवर की बीमारी हो जाती है यानि जिस पार्ट में यह एक्स्ट्रा शुगर इकट्ठा होता है उस पार्ट को बीमार करता है। तो हम कह सकते हैं कि सारी बीमारियों की जड़ एक्स्ट्रा शुगर ही है। प्राकृतिक चिकित्सा में एक बीमारी और एक इलाज की संज्ञा दी गई है। एक बीमारी शरीर में विजातीय द्रव्य (Exogenous Substance) का इकट्ठा होना और एक इलाज विजातीय द्रव्य को निकालना है।

 Diabities हमें यह बताता है कि हमारे शरीर में विजातीय द्रव्य इकट्ठा हो गया है जिसे निकालना बहुत जरूरी है। सबसे खास बात यह है कि ग्लूकोज अभी हमारे केवल ब्लड में ही घूम रहा है। जिसे हम बहुत आसानी से नियंत्रित कर सकते हैं लेकिन अगर यही Glucose हमारे शरीर के किसी अंग में इकट्ठा हो जाता तो हमें दूसरी बीमारियों का सामना करना पड़ता और हम उसका समाधान जल्द नहीं कर पाते। जितनी आसानी से हम डायबिटीज को नियंत्रित कर सकते हैं उतनी आसानी से कोई दूसरी बीमारी नहीं कर पाते। 

 प्राकृतिक चिकित्सा में सभी बीमारियों की जड़ विजातीय द्रव्य माना जाता है जितना ज्यादा विजातीय द्रव्य (Exogenous Substance)  हमारे शरीर में इकट्ठा हो जाता है उतना ज्यादा हम बीमार होते जाते हैं। विजातीय द्रव्य यानी वह पदार्थ जो हमारे शरीर के लिए आवश्यक नहीं है या यह कहें कि दूषित पदार्थ हमारे शरीर में इकट्ठा हो जाता है। जिससे हम बीमार होते चले जाते हैं।

 आज पूरे विश्व में लोग रिफाइंड कार्बोहाइड्रेट (Refined Carbohydrate) बहुत ज्यादा खा रहे हैं। जिससे मोटापा, डायबिटीज, ब्लड प्रेशर और हार्ट डिजीज की समस्या पैदा होती जा रही है। आज से 30-35 साल पहले लोग गेहूं और चावल को बहुत कम खाते थे। लोग नेचुरल पदार्थ और दूसरे मोटे अनाजों (जैसे ज्वार, बाजरा, रागी, कुट्टू, सामा, राजगीरा, कंगनी ) से अपना जीवन निर्वाह करते थे। जिसमें कार्बोहाइड्रेट की मात्रा बहुत कम होता है  और फाइबर ज्यादा होता है । जिससे वे बहुत सारी बीमारियों से बचे रहते थे। अगर आप भी इन चीजों का सेवन करते हैं तो डॉयबिटीज से बच सकते हैं और अगर हो गया है तो ठीक हो सकता है। जब से हम लोगों ने गेहूं और चावल का भरपूर मात्रा में उपयोग करना शुरू किया तबसे से दिन दूनी रात चौगुनी बीमारियों की संख्या बढ़ती चली गई। इससे निजात पाने का एक ही उपाय है फिर से पूर्वजों की जीवन शैली और खान पान को अपनाया जाय। 

 अगर आप बीमार है तो क्या करें (What To Do If You Are sick)

सबसे पहले आपको शरीर से विजातीय द्रव्य (Exogenous Substance) को निकालना होगा उसके लिए एक ही उपाय कि आप अपने पूर्वजों की खान-पान और दिनचर्या को अपनाएं हमारे पूर्वज यानी आज से 50 साल पहले लोग खाना गैस या चूल्हे पर पकाकर बहुत कम खाते थे। उस समय लोग नेचुरल डाइट (Natural diet) लेते थे। यानी नेचर ने जिस चीज को जिस रूप में बनाया है उसी रूप में उसका सेवन करना नेचुरल डाइट माना जाता है। कहने का मतलब यह है कि आप जैसे ही गैस या चूल्हे पर पका खाना बंद कर देंगे और नेचुरल डाइट जैसे – पका हुआ कोई भी फल, कोई भी कच्ची सब्जी जिसे हम बिना पकाए खा सकते हैं। कोई भी ऐसा अनाज जिसे हम 8-10 घंटे भिगोकर कच्चा सेवन कर सकते हैं। ऐसा पदार्थ अगर हम खाते हैं तो हमारे शरीर से विजातीय द्रव्य कुछ दिनों के अंदर निकल जाएगा और हम फिर से पूरी तरह से स्वस्थ हो जाएंगे।

– डॉ हीरालाल

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