पुराने ज़माने में शादी की पहली रात को क्या होता था ? पुराने ज़माने में सुहागरात की ट्रेनिंग कैसे लेते थे ? क्या पुराने ज़माने में सुहागरात से पहले दूल्हे को दूध पिलाया जाता था ? पुराने ज़माने में शादी की पहली रात क्या करते थे ? (What did first night of the wedding in the old days?)
पुराने लोग सुहागरात (Honeymoon) के समय बहुत सी गलतियाँ करते थे। जिसे आजकल के युवकों को बिल्कुल भी नहीं करनी चाहिए। पुराने ज़माने मेंशादी होने के बाद घर के अंदर चोरी-छिपे पत्नी से मिलने जाते थे। रात को भी जब सोना होता था तो इधर उधर देखकर घर के अंदर जाते थे। इतना सब होने के बाद भी उस जमाने में लोग 8-10 बच्चे पैदा कर देते थे। पुराने जमाने के लोगों मे बहुत शक्ति और स्टेमिना होता था। उस समय लोग सात्विक खानपान को अपनाते थे। शुद्ध दूध, दही और घी खाते थे और 25 साल तक ब्रह्मचर्य का पालन करते थे। जबकि आजकल के जमाने में लोग मेवा मलाई खूब खाते हैं फिर भी शरीर में भरपूर स्टैमिना नहीं बन पाता है। आज के जमाने में लोग शादी से पहले ही अपना सत्यानाश कर लेते हैं, इसलिए शादी होने के बाद उनके अंदर इतनी पावर नहीं रह जाती है कि वह 8-10 बच्चे पैदा कर सकें। कुछ लोग तो बहुत इलाज करवाने के बाद 1-2 एक दो बच्चे पैदा कर पाते हैं।
पुराने ज़माने में सुहागरात कैसे मनाते थे ? (How did you celebrate honeymoon in the ancient times ?)
पुराने जमाने में लोग अपनी सुहागरात (Honeymoon) को मौखिक रूप से ही मना लेते थे, क्योंकि उस समय सुहागरात क्या होता है ? इसके बारे में कोई विशेष जानकारी नहीं थी। लोग वार्तालाप करके ही सारी रात गुजार देते थे। धीरे-धीरे जब उनको पति पत्नी के संबंध के बारे में कहीं से पता चलता था तब वह शारीरिक संबंध बनाते थे। और जब गर्भाधान हो जाता था तो कोई भी औरत डिलीवरी के लिए किसी हॉस्पिटल में नहीं जाती थी। एक तो लोगों के पास उस समय पैसे नहीं थे और हॉस्पिटल भी बहुत कम थे। उस समय अगर किसी पुरुष को यौन संबंधी बीमारी हो जाती थी तो वह बतासे में बड़ के दूध को डालकर सेवन करते थे।
पुराने जमाने में लोग वात्सायन के कामसूत्र का अध्ययन नहीं करते थे और नहीं गन्दी फिल्म देखने की सुविधा थी। अभी के लोग गन्दी फिल्म देखकर सब पहले ही सीख लेते हैं। उस समय लोग केवल संतान उत्पत्ति के लिए संबंध बनाते थे, लेकिन आज केवल मौज मस्ती का साधन बन गया है। पुराने ज़माने में लोग कभी-कभार सम्बन्ध बनाते थे, अभी तो लोग बीबी के साथ हमेशा चिपके रहते हैं।
पुराने जमाने में जब किसी की शादी होती थी तो वह लड़की देखने नहीं जाते थे। यह काम मां-बाप के ऊपर निर्भर होता था, जैसा उन्होंने देख सुनकर सगाई कर देते थे उसी के साथ शादी करना पड़ता था। कभी-कभी तो ऐसा भी देखा जाता था कि लोग लूली, लंगड़ी लड़कियों की शादी किसी अच्छे खासे लड़के से कर देते थे और उन्हें स्वीकार करना पड़ता था। अगर आज के समय में ऐसा हो तो लोग क्या से क्या कर दें। पुराने समय में लोगों के पास मुश्किल से एक से दो सेट कपड़े होते थे। उसी में वह अपनी सारी जिंदगी गुजार देते थे, स्त्रियों का भी ऐसा ही हाल था। इसलिए उस समय हर घर के बाहर एक पर्दा लगा होता था ताकि किसी के घर की इज्जत बाहर न दिखाई दे। पुराने जमाने में कुछ मुट्ठी भर लोग ऐश और आराम की जिंदगी जीते थे और वह लोग मीडियम क्लास और थर्ड, फोर्थ क्लास के लोगों के ऊपर अपना दबदबा बनाकर रखते थे। उस समय गुलामी प्रथा जैसी लोगों की जिंदगी थी। राजतंत्र था और जमीदारी प्रथा थी। राजे महाराजे तो अनेकों शादियां करके ऐस-आराम की जिंदगी जीते थे लेकिन आम पब्लिक का हाल बहुत बुरा था। उस समय खेतों में भरपूर अनाज उत्पन्न नहीं होता था और नहीं आर्थिक स्थिति में ठीक थी। उस समय लोगो की स्थिति बहुत दयनीय थी।