Diabetes Se Mukti in 72 hours

मधुमेह में इंसुलिन इंजेक्शन (Insulin Injection in Diabetes)

हमारा शरीर अरबों-खरबों कोशिकाओं से बना है। हर कोशिका को जीवित रहने के लिए शुगर की निरंतर आपूर्ति होनी जरूरी होती है। शुगर की आपूर्ति इंसुलिन की उपलब्ध्ता पर निर्भर करती है। शुगर चयापचय शुगर मेटाबाॅलिज्म को कार्यपूर्ति के लिए, इन खरबों कोशिकाओं में प्रत्येक को कितनी मात्रा में इंसुलिन की आवश्यकता होगी, इसका अनुमान एवं गणना करना मानवीय प्रयासों से तो असंभव है। जैसा कि आप जानते हैं कि किस समय कितनी मात्रा में इंसुलिन की जरूरत होगी, यह कई कारणों पर निर्भर करता है जिसमें

निम्न शामिल हैंः-

1. उस दिन ग्रहण किया भोजन,

2. उस समय तनाव का स्तर,

3. पिछली रात ली गई नींद

4. शारीरिक क्रियाएं

5. मौसमी परिस्थितियां

6. उस समय कोई रोग

यह अत्यंत सामान्य परिस्थितियां हैं, विशेषकर टाइप-1 डायबिटीज पीड़ित बच्चों में इंसुलिन डोज का जरूरत से अध्कि अनुमान लगाने के लिए, जिसके पफलस्वरूप रक्त में ग्लूकोज या शुगर की निरंतर कमी हो जाती है।

परिणामस्वरूप आपातस्थिति में अस्पताल जाना पड़ सकता है। इसलिए मैं, अपने मरीजों को हमेशा सलाह देता हूं

कि वे इंसुलिन पर कम निर्भर रहें ।

मधुमेह में सुधर की आशा (Hope for improvement in diabetes)

विज्ञान सभी प्रकार की बीमारियों के उपचार की दिशा में काम करता है। चिकित्सा की भाषा में इसे प्लेसीबो इन्फेक्ट कहते हैं। रोगों को दूर करने में, आशा एवं सकारात्मक विचार किस प्रकार सहायक होते हैं। यह स्पष्ट होता है कि DIP डाइट के साथ-साथ डायबिटीज से छुटकारा पाने की आशा डायबिटीज में तेजी से उपचार

में मदद करेगी।

मधुमेह में कछुए जैसी डीआईपी डाइट (Turtle-like DIP diet in diabetes)

अब, आप डायबिटीज की रोकथाम एवं उपचार की दिशा में अंतिम चरण की ओर अग्रसर है! आपकी स्वयं की

डीआईपी डाइट का निर्धरण आपको चिकित्सीय पृष्ठभूमि एवं भोजन लेने पर ब्लड शुगर की प्रतिक्रिया के आधर पर निर्भर रहता है। कुछ लोगों का ब्लड शुगर भोजन के पश्चात बहुत धीमे प्रतिक्रिया करता है। कछुए की भांति प्रतिक्रिया देने वाली यह ब्लड शुगर सबसे उचित एवं वांछनीय ब्लड शुगर कही जाती है। इस डाइट को हम कछुए जैसी डीआईपी डाइट कह सकते हैं। 

यह निम्न स्थितियों में उपयुक्त होती हैः-

1. स्वस्थ लोग जो डायबिटीज की रोकथाम करना चाहते हैं।

2. हाल ही में डायबिटीज टाइप प् उपचारित रोगी।

3. डायबिटीज टाइप 1 के वे रोगी, जो पिछले 5 या कम वर्षों से दवाएं ले रहे हैं।

कछुए जैसी डीआईपी डाइट (Turtle-like DIP Diet)

स्टेप 1 : 12 बजे, केवल 3 या 4 प्रकार के पफल खाएं, जैसे आम, केला, अंगूर आदि।

उदाहरण के लिए, 70 कि.ग्रा. वजन वाले व्यक्ति को 12 बजे से पहले कम-से-कम 4 प्रकार के 700 ग्राम पफल

खाने चाहिए।

स्टेप प्प्: अपना दोपहर/रात का भोजन हमेशा 2 प्लेट्स में खाएं।

प्लेट 1 और प्लेट 2 

प्लेट 1 में 4 प्रकार की ऐसी सब्जियां शामिल हों, जिन्हें आप कच्चा खा सकें, जैसे कि गाजर, टमाटर, मूली और खीरा।

उदाहरण के लिए, 70 कि.ग्रा. वजन वाले व्यक्ति को 4 प्रकार की सब्जियों की कम-से-कम 350 ग्राम सब्जियां

खानी चाहिए।

प्लेट 2  में कम नमक व तेल में, घर में पका शाकाहारी भोजन शामिल है।

सबसे पहले, उफपर बताए अनुसार प्लेट प् का भोजन समाप्त करें। उसके बाद प्लेट 1 में से जितना खा सकते हैं, उतना खाएं। हालांकि दोपहर एवं रात के भोजन के लिए समान नियम लागू होते हैं, परंतु हमें रात का भोजन 7 बजे तक करना नहीं भूलना चाहिए।

स्टेप 1 : इनसे बचें

1. दूग्ध् उत्पादों सहित अन्य मांसाहार

2. मल्टीविटामिन टाॅनिक एवं कैप्सूल्स

3. रिपफाइंड एवं पैक्ड खाना

(रोजाना 40 मिनट तक धूप में रहने का प्रयास करें।)

नाश्ता, दोपहर और रात का खाना, इन 3 मुख्य भोजन के अतिरिक्त स्नैक्स एवं पेय पदार्थों के अन्य विकल्प इस

प्रकार हैंः

1. उदाहरणः 70 किग्रा. वजन वाले व्यक्ति के लिए दिन भर में 70 ग्रा. अंकुरित चीजें पर्याप्त हैं।

2. सभी प्रकार के सूखे गिरीदार मेवे ‘नट्स’ पानी में 2-3 घंटे भिगोने के बाद खाए जा सकते हैं। मात्रा=शरीर का

वजन ; कि.ग्रा. में=……….ग्रा उदाहरणः 70 कि.ग्रा. वजन वाले व्यक्ति को दिनभर में लगभग 70 ग्रा. नट्स खाने चाहिए।

3. स्नैक्स के रूप में पफल भी खाए जा सकते हैं।

4. नारियल का ताजा पानी और मलाई।

5. हंजा चाय बनाने की  विधि के अंत में देखें।

खरगोश जैसी डीआईपी डाइट (Rabbit DIP Diet)

खरगोश जैसी डीआईपी डाइट डायबिटीज के उन रोगियों के लिए उपयुक्त है, जिनका ब्लड शुगर, खरगोश की तरह खाने को देखते ही बड़ी तेजी से उफपर चढ़ जाता है और इसे नियंत्रित करना कठिन होता है। खरगोश जैसी डीआईपी डाइट निम्न स्थितियों वाले डायबिटीज रोगियों के लिए उपयुक्त है, जिसे लेने की सलाह दी जाती हैः-

1. पांच वर्षों से अध्कि डायबिटीज पीड़ितों के लिए, जो टाइप-2 डायबिटीज के रोगी हैं और इंसुलिन नहीं लेते हैं।

2. 2 वर्षों से टाइप-1 डायबिटीज के रोगी।

3. टाइप-2 डायबिटीज रोगी, जिन्होंने एक वर्ष के भीतर इंसुलिन थैरेपी लेना शुरू किया है।

4. पैदायशी ही डायबिटीज रोगी।

एक मामलूी अंतर के अलावा, खरगोश जैसी डीआईपी डाइट और कछुए जैसी डीआईपी डाइट में कोई अंतर नहीं है। खरगोश जैसी डीआईपी डाइट में, रोगियों को पूरे दिन में एक बार ही प्लेट-2 ही खानी चाहिए।

उदाहरण के लिएः यदि दोपहर के भोजन में, रोगी प्लेट-1 के साथ प्लेट-2 खाने का निर्णय करता है, तो रात के खाने में वह केवल प्लेट 1 खाएगा। हालांकि प्लेट 1 की अधिकतम मात्रा, रोगी द्वारा उसकी भूख और अभिरुचि द्वारा निर्धरित किया जा सकता है।

मेंढक जैसी डीआईपी डाइट (Frog-like DIP Diet)

टाइप-1 और टाइप-2 डायबिटीज के इंसुलिन की एडवांस मात्रा पर निर्भर रोगियों के लिए इस प्रकार की डाइट का सुझाव दिया जाता है, उनका ब्लड शुगर मेंढक की भांति चढ़ता-उतरता है, जिसका अनुमान लगाना कठिन होता है।

यदि आप मेंढक को नजदीक से देखें तो पाएंगे कि उनकी गतिविधि का अनुमान लगाना कठिन है। कभी वह एक ही जगह पर घंटों बैठा रहता है, तो कभी अचानक लंबी छलांग लगा देता है। एडवांस स्टेज वाले अनेक रोगियों का ब्लड शुगर भी इसी तरह व्यवहार करता है कि पहले से कुछ भी कहना मुश्किल होता है।

मेंढक जैसी डीआईपी डाइट भी खरगोश जैसी डीआईपी डाइट के समान ही हैं, किंतु केवल दो अंतर हैंः-

1. प्लेट-2 की मात्रा निम्न के बराबर या कम होनी चाहिएः

उदाहरण के लिए, 70 कि.ग्रा. वजन वाले रोगी को प्लेट-2 के भोजन का 140 ग्राम से ज्यादा नहीं खाना चाहिए।

2. दोपहर/ रात का भोजन करने से पहले निम्न के बराबर या उससे ज्यादा 2 से 3 प्रकार की हरी पत्तियां जरूर खाएंः 

उदाहरण के लिए, एक 70 कि.ग्रा. वजन वाले व्यक्ति को दोपहर के साथ-साथ रात के भोजन में 70 ग्रा. या उससे ज्यादा हरी पत्तियां अवश्य खानी चाहिए।

72 घंटों में डायबिटीज की छुट्टी (Diabetes leave in 72 hours)

डीआईपी डाइट का प्रभाव इतना शक्तिशाली है कि इस डाइट को शुरू करने के पहले दिन से ही रोगी उनकी दवाएं और इंसुलिन डोज को कम करने या रोकने को बाध्य हो जाएंगे। डीआईपी डाइट पर रहते हुए कुछ रोगियों के लिए ली जाने वाली इंसुलिन की सही मात्रा का निर्धरण कठिन या जोखिम भरा हो सकता है, क्योंकि रक्त में ग्लूकोज या शुगर की मात्रा कम-ज्यादा हो सकती है। इसलिए आपको सलाह दी जाती है कि डीआईपी डाइट किसी विशेषज्ञ की देखरेख में ही लें। आप भारत के नई दिल्ली या वियतनाम में हो ची मिन्ह शहर में हमारे कैंप में आ सकते हैं अथवा सुविधनुसार अपने घर से हमारे वर्चुअल प्रोग्राम के जरिये, सीध्े मेरी देखरेख में भी डीआईपी डाइट ले सकते हैं।

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