कंचन और कामिनी की व्याख्या अलग-अलग साहित्यकारों ने अलग-अलग प्रकार से की है। कुछ का कहना है : कंचन का अर्थ होता है – बहुत अधिक आय और धन-संपत्ति होना। दूसरा अर्थ होता है – सुंदर और स्वच्छ और तीसरा अर्थ होता है – बिलकुल नीरोग और स्वस्थ
एक दूसरे साहित्यकार ने कहा है :-
कंचन का अर्थ होता है बिलकुल नीरोग और स्वस्थ । कामिनी का अर्थ होता है एक सुंदर स्त्री। जिसे देखते ही काम की उत्पत्ति होने लगे।
चलन चलन सब कोउ कहै पहुँचै बिरला कोय । इक कंचन इक कामिनी दुर्गम घाटी दोय ।-कबीर
इसका सीधा सा अर्थ है एक ऐसी स्त्री जो स्वस्थ और निरोग हो तथा हरा भरा और फ्रेश हो । जिसे देखते ही कामवासना जोर पकड़ ले । उसे ही कंचन और कामिनी कहा जाता है ।
अगर आपके जीवन में कंचन भी मिल जाए औ कामिनी भी मिल जाए, लेकिन आपका शरीर स्वस्थ नहीं है तो आप उसका उपभोग नहीं कर पाएंगे। अगर आपका शरीर स्वस्थ और हष्ट पुष्ट है और कंचन कामिनी का अधिक उपयोग करेंगे तो आपकी जिंदगी नर्क भी बन सकती हैं। कंचन और कामिनी यह दो ऐसे घाटी हैं जिसको मनुष्य अगर पार कर लेता है तो जीवन के हर क्षेत्र में विजय हासिल कर सकता है। लेकिन अगर इसमें उलझ जाता है तो इससे आगे उसकी सोचने की क्षमता खत्म सी हो जाती है। जितना ज्यादे किसी की पत्नी सुंदर होगी, उतना ज्यादा उसका सत्यानाश होगा। क्योंकि जहां आकर्षण होता है वही जीव हंसता है।
रात को पतंगी कीड़े लाइट को देखकर उस पर आकर्षित हो जाते हैं और बार-बार उसे छूने की कोशिश करते हैं और कोशिश तब तक करते हैं, जब तक उनकी जान नहीं चली जाती है। इंसान भी तब तक किसी चीज को नहीं छोड़ता है जब तक उसका पूरा सत्यानाश नहीं हो जाता है।
जीवन-साथी का चुनाव हम चेतना की ऊँचाइयों से नही बल्कि हम हमारी चेतना की निकृष्टतम जगह से चुनते हैं कि घर में कैसी स्त्री को या कैसे पुरुष को लाएँगे। घर वाले तस्वीरें दिखाते हैं — ये देखो बेटा इतनी लड़कियों के फोटो आए हैं। हम उन तस्वीरों में रूप-लावन्य कैसा है, यौवन मादकता है कि नहीं, यही सब देखते हैं।
इतना महत्वपूर्ण निर्णय केवल रंग गेंहुआ है कि साँवला। नौकरी सरकारी है कि प्राइवेट। यह सब पता करते हैं। हर चीज़ को हल्के में लेना, लेकिन इन दो मुद्दों पर सावधान रहना — जिसे कहते हैं कंचन और कामिनी। कंचन माने धन, और कामिनी माने वह जो तुम्हारे जीवन में कामवासना पर बैठकर आया या आयी है।