सेविंग अकाउंट मिनिमम बैलेंस चार्जेज नहीं देने पर क्या होगा? Minimum Balance Charges Nahin Dene Par kya hoga? मिनिमम बैलेंस चार्ज वाले बैंक अकाउंट को बंद ना करने पर क्या होगा? Minimum Balance Charges Wale bank Account ko Band Na karvane Par kya hoga? बैंक अकाउंट की मिनिमम बैलेंस पेनेल्टी न देने पर क्या होगा? Baink Acount ki Minimam balance Penalty Na Dene Par kya hoga?
दोस्तों ! यदि आपका किसी भी प्राइवेट या सरकारी बैंक में अकाउंट है और आप मिनिमम बैलेंस मेन्टेन नहीं कर पा रहे हैं तो क्या होगा। अगर आपका किसी प्राइवेट बैंक या सरकारी बैंक में खाता है और आपने मिनिमम बैलेंस 6 महीना या सालभर से जीरो-जीरो कर रखा है तो बैंक का जो मिनिमम बैलेंस चार्ज करने का रूल होगा, उसके हिसाब से वह हर महीने आपके अकाउंट पर पेनल्टी लगाता रहेगा। वह पेनाल्टी तब तक लगाएगा जब तक आप अपने अकाउंट में पैसे जमा नहीं करते। जब भी आप अपने अकाउंट में पैसे जमा करेंगे वह सारा मिनिमम बैलेंस पेनाल्टी चार्ज एक ही बार में काट लेगा।
मिनिमम बैलेंस पेनाल्टी से कैसे बचें ? (Minimum Balance Penalty Se Kaise bachen)
लेकिन अगर आपने सोच रखा है कि मुझे उस अकाउंट में कभी पैसा डालना ही नहीं है। तो इस केस में बैंक को जब लगेगा कि यह आदमी इस अकाउंट को अब यूज़ नहीं करने वाला है। तब उस पर लीन लगा देगा। जिससे आप उस अकाउंट को कभी यूज़ नहीं कर पाएंगे और नहीं उसमें कोई लेनदेन कर पाएंगे या उसका कोई सर्विस यूज़ कर पाएंगे। अगर आपको उस अकाउंट को दोबारा एक्टिवेट कराने की जरूरत पड़ेगी तो आपको वह सारे पेनल्टी पहले पे करवाएगा। उसके बाद ही उस अकाउंट को चालू करेगा।
अगर आपका किसी भी प्राइवेट या सरकारी बैंक में सैलरी अकाउंट था और जोब छूटने के बाद वह सेविंग अकाउंट में कन्वर्ट हो गया है। आपके पास पैसे न होने की वजह से वह अकाउंट काफी दिनों से Unuse है। उस अकाउंट में काफी दिनों से मिनिमम बैलेंस चार्ज लगा हुआ है, तो आप ब्रांच जाकर वगैर कोई चार्ज दिए उस अकाउंट को क्लोज करवा दें। अगर कोई बैंक यह बोलता है कि क्लोज पर करवाने लगे हुए सारे चार्जेज देने पड़ेंगे, तो आप उस अकाउंट को वैसे ही छोड़ दें। आरबीआई के पॉलिसी के अनुसार बैंक एक न एक दिन खुद ही बंद कर देगा।
दोस्तों ! प्राइवेट बैंक वाले हमेशा पब्लिक से पैसे लूटने के चक्कर में लगे रहते हैं। इसलिए जितने भी प्राइवेट बैंक है, वह कंपनी के मालिकों से मिलकर लोगों का सैलरी अकाउंट खोलने के लिए बोलते हैं। जब आदमी की जॉब छूट जाती है तो सैलेरी अकाउंट सेविंग अकाउंट में कन्वर्ट हो जाता है, और यह बैंक मिनिमम बैलेंस चार्ज लगा लगा कर लोगों से पैसा वसूलने की कोशिश करते हैं। जिन लोगों को बैंकों के रूल के बारे में पता नहीं है। वह लोग इनके झांसे में आ जाते हैं और पेनाल्टी भी देते हैं।
दोस्तों। हमने देखा है जितने भी प्राइवेट बैंक हैं वह सब सैलरी अकाउंट कंपनियों से मिलकर ओपन करवाते हैं और जैसे ही किसी व्यक्ति की जॉब छूट जाती है तो वह सैलेरी अकाउंट सेविंग अकाउंट में कन्वर्ट हो जाता है। उसके बाद आपके उस अकाउंट में मिनिमम बैलेंस मेंटेन नहीं करने पर हर महीने पेनल्टी लगाते रहते हैं। ऐसी दिक्कत बहुत सारे लोगों को होती है। इसलिए हमने इस विषय पर एक आर्टिकल लिखा जिससे सभी लोगों को मदद मिल सके।
सारांश (Summary)
अगर आप सेविंग अकाउंट क्लोज करवाने बैंक में जाते हैं और वह बैंक आपसे चार्जेज पे करने के लिए बोलता है तो आप आरबीआई की पॉलिसी के बारे में उसे जरूर बताएं। आरबीआई की पॉलिसी के अनुसार कोई भी बैंक आपसे सेविंग अकाउंट के ऊपर लगा हुआ पेनल्टी वसूल नहीं कर सकता है, क्योंकि आपने कोई बैंक से लोन नहीं लिया है। यह केवल आपका सेविंग अकाउंट है।
अगर यह आर्टिकल आपको अच्छा लगा तो कृपया कमेंट करके हमें जरूर बताएं।