मुर्दे को रात में क्यों नहीं जलाया जाता है ? Murde ko raat mein Kyon Nahin Chala Jata Hai ?
मरने के बाद आत्मा कितने दिन तक अपने घर के आस पास रहती है? Marne ke bad Atma kitne din tak Apne Ghar Ke Aas Pass rahti hai ?
मरने के बाद तीसरा क्यों मनाया जाता है ? Marne ke bad Teesra Kyon Manaya jata hai ?
लाश को अकेला क्यों नहीं छोड़ा जाता है ? Lash ko Akela Kyon Nahin Chhoda jata hai?
मृत शरीर को अकेला क्यों नहीं छोड़ते हैं ? Mrit Sharir ko Akela Kyon Nahin Chhoda jata hai?
इस बात को जरूर जान लें कि मुर्दे को अकेला क्यों नहीं छोड़ा जाता है ? उसका रीजन क्या है ? जब कोई भी आत्मा शरीर को छोड़कर जाती है तो उसको एक छड़ के लिए अकेला नहीं छोड़ा जाता है। उसके पास कुछ न कुछ लोग हमेशा रहते हैं। उसके कई कारण हैं – पहला कारण यह है कि जब कोई आत्मा शरीर छोड़ कर जाती है तो बहुत सारी नेगेटिव आत्माएं भी संसार में मौजूद हैं, जैसे भूत-प्रेत, पिशाच आदि। वह उसके आसपास भटकती रहती हैं और उस शरीर में घुसने की कोशिश करती हैं। अगर उस समय उसको अकेला छोड़ दिया जाए तो कोई भी नेगटिव आत्मा उसमे प्रवेश कर सकती है। यह सारी बातें गरुड़ पुराण में लिखी गई है।
दूसरा कारण यह है कि उसमे से स्मेल आने लग जाती है,जिससे कोई भी नरभक्षी प्राणी या पशु आकर उसको खा सकता है, इसलिए कोई न कोई व्यक्ति उसकी रखवाली करता है। एक बात और जो गलती कर बैठते हैं, रात्रि में कभी भी अंतिम संस्कार नहीं करना चाहिए। अगर सूर्यास्त के बाद शरीर शांत होता है तो दूसरे दिन सूर्योदय होने के बाद ही उसका अंतिम संस्कार करना चाहिए। यदि रात में ही शव को जला दिया जाता है तो उसे अधोगति प्राप्त होती है और ऐसी आत्माओं का जन्म असुर, दानव अथवा पिशाच आदि योनियों में होती है। यह बात हर सनातनी को पता होनी चाहिए। लोग सोचते हैं रात भर कौन रखेगा चलो चलकर जला आते हैं। जब तक मुर्दे का अंतिम संस्कार न हो जाए तब तक मुर्दे को अकेला नहीं छोड़ना चाहिए। कोई न कोई उसके पास बैठा रहना चाहिए।
मुर्दे के बारे में ऐसा कहा जाता है कि अगर कोई व्यक्ति किसी शुभ कार्य के लिए कहीं जा रहा है और उसके सामने से शव यात्रा आ जाए तो कई लोग तो डर जाते हैं, अब क्या होगा ? किसी भी शुभ कार्य के लिए आप जा रहे हैं और सामने से मुर्दा आ रहा है तो समझ लेना कि आपका कार्य सफल होगा। कई लोग इस बात को नहीं मानते हैं लेकिन यह जीता जागता उदाहरण बता रहा हूँ। जब भी कोई अर्थी सामने से निकले तो आप को कम से कम 3 बार शिव शिव शिव या राम राम राम बोलना चाहिए।
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जब आदमी मर जाता है तो उसकी मृतक आत्मा 3 दिन तक उसके आसपास ही भटकती रहती है इसलिए मरने के बाद हर व्यक्ति का तीसरा मनाया जाता है, ताकि वह अपनी आगे की यात्रा पर निकल सकें।
मुर्दे को कभी भी अकेला क्यों नहीं छोड़ा जाता है