Pandokhar Sarkar Dham ki Puri Jankari

नमस्कार दोस्तों ! पूरे विश्व में ऐसा त्रिकालदर्शी दरबार कहीं पर भी नहीं मिलेगा, जहां भूत, भविष्य और वर्तमान के बारे में बताया जाता होगा, लेकिन पंडोखर सरकार धाम एक ऐसा दरबार है जहां श्री गुरु शरण जी महाराज किसी के भी भूत, भविष्य और वर्तमान के बारे में बता देते हैं। यहां देश के कोने-कोने से लोग अपनी समस्या को लेकर आते हैं और उसका समाधान पाकर बड़े खुश होते हैं। 

यहाँ पर गुरुजी लोगों को उनकी समस्या बताने से पहले एक पेपर पर लिख देते हैं और लोगों की सभी समस्याओं का समाधान भी बता देते हैं। यहाँ पर लोग शारीरिक, मानसिक, आर्थिक, भूत-प्रेत बाधा, ऊपरी हवा, सवारी आना आदि समस्याओं को लेकर आते हैं। कितनी भी पुरानी कोई भी समस्या हो उनके सामने सब कुछ हस्तगत हो जाता है। 

पंडोखर सरकार धाम में कितने साइंटिस्ट, डॉक्टर, इंजीनियर आदि चेक करने के लिए आते हैं लेकिन उनको जब यहां की सच्चाई पता चलती है तो वे सब हतप्रभ हो जाते हैं। पंडोखर सरकार धाम की महिमा अपार है उसका गुड़गान करना सूरज को दीया दिखाने जैसा है। यहां पर दूर-दूर से हजारों लोग आते हैं और जब तक उनका टोकन नंबर नहीं आता तब तक यहां रुके रहते हैं। पंडोखर सरकार धाम में गुरु जी से मिलने के लिए टोकन लेना पड़ता है बिना टोकन का कोई भी व्यक्ति गुरुजी से नहीं मिल सकता है। 

पंडोखर सरकार धाम में टोकन कैसे मिलता है ? Pandokhar Dham Mein token Kaise Milta Hai

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जैसे ही आप पंडोखर सरकार धाम में जाएंगे आपको सबसे पहले पर्ची कटवा कर टोकन लेना पड़ता है। टोकन नंबर लेने के लिए आपको अपनी सामर्थ्य के हिसाब से पर्ची खटवा सकते हैं। उस टोकन नंबर के हिसाब से ही आपको गुरु जी से मिलने का नंबर आता है। यहां पर जल्दी मिलने के लिए VIP टोकन की भी व्यवस्था है। VIP टोकन नंबर के लिए 21000, 11,000 रूपये की पर्ची कटवा सकते हैं। लोग अपनी आमदनी के हिसाब से पर्ची कटवा कर टोकन नंबर लेते हैं, उसके बाद अपना नंबर आने का इंतजार करते हैं। अगर आप 21000 का टोकन लेते हैं तो आपका नंबर 1 से 2 दिन के अंदर आ जाता है और अगर आप 11000 का टोकन लेते हैं तो आपका नंबर 3 से 4 दिन के अंदर आ जाता है और अगर आप 2100 का टोकन लेते हैं तो कम से कम 15 दिन लग जाता है और अगर आप 1100 का टोकन लेते हैं तो एक महीना लग सकता है। इसके अलावा अगर आप बहुत गरीब हैं तो ₹100 की भी पर्ची काटी जाती है जिसके लिए आपको कम से कम एक महीना का टाइम लग जाता है। 

पंडोखर धाम में क्यों नहीं होती चोरी ? Pandokhar Dham Mein Kyon Nahin Hoti Chori?

दोस्तों ! जैसा कि सभी लोग जानते हैं पंडोखर सरकार धाम एक त्रिकालदर्शी दरबार है जहां पर कोई भी गुरुजी से अछूता नहीं रह सकता है, इसलिए यहां पर चोर और जेब कतरे भी नहीं आते हैं क्योंकि उन्हें पता है की गुरुजी त्रिकालदर्शी हैं और हम तुरंत पकड़े जा सकते हैं, इसलिए चोर और जेब कतरों कि यहां दाल नहीं गलती है। यहां पर जो दूर-दूर से श्रद्धालु आते हैं वह भी एक दूसरे का ख्याल रखते हैं और चोरी, चकारी के चक्कर में नहीं पड़ते हैं। यहां पर गांव के लोग भी बड़े सज्जन और श्रद्धालु है जो दूर-दूर से आए हुए लोगों का विशेष ख्याल रखते हैं। 

पंडोखर सरकार धाम कब जाएं ? Pandokhar Dham kab Jaaye?

पंडोखर सरकार धाम में पहले दरबार अमावस्या से लेकर पंचमी तक चलता था लेकिन अब लोगों की भीड़ को देखते हुए गुरु जी ने 365 दिन के लिए दरबार को खोल दिया है। यहां पर अब आप किसी भी समय आ कर अपनी पर्ची कटवा कर टोकन नंबर प्राप्त कर सकते हैं। जैसे ही आपका नंबर आएगा आप गुरु जी से मिल पाएंगे। 

पंडोखर धाम जाने का रास्ता (Pandokhar Dham Jaane ka Rasta)

यदि आप भारत के किसी भी कोने में रहते हैं तो आप रेलवे ट्रेन से दतिया रेलवे स्टेशन जाकर वहां से बस या ऑटो से आप पंडोखर धाम जा सकते हैं। दतिया से पंडोखर धाम की दूरी 55 किलोमीटर के आसपास है। यदि आप ग्वालियर या झांसी रेलवे स्टेशन उतरते हैं तो वहां से भी आप बस द्वारा पंडोखर धाम जा सकते हैं। 

पंडोखर धाम में रुकने की व्यवस्था (Pandokhar Dham Mein rukne ki vyavastha)

जब लोग कहीं जाते हैं तो सबसे पहले सोचते हैं की जाकर वहां रुकेंगे कहां ? दोस्तों ! यहां पर रुकने के लिए गांव के लगभग हर घर में बाहर से हुए लोगों के लिए रुकने की व्यवस्था बना रखी है। जहां पर आप कुछ पैसे देकर रुक सकते हैं। इसके अलावा आप पंडोखर धाम में भी रुक सकते हैं, वहां पर भी किराए पर कमरे मिल जाते हैं। इसके अलावा अगर आपके पास पैसे नहीं है तो भी आप पंडोखर धाम के बरामदे आदि में रुक सकते हैं। 

पंडोखर सरकार धाम में भोजन की व्यवस्था (Pandokhar Dham Mein bhojan ki vyavastha)

श्री पंडोखर धाम में आने के बाद आप को भोजन के लिए इधर उधर भटकने की आवश्यकता नहीं है, क्योंकि यहां पर धाम के तरफ से सुबह शाम भोजन प्रसाद की व्यवस्था की गई है जो पूरी तरह से निशुल्क निशुल्क है। इसके अलावा अगर आप होटल का खाना पसंद करते हैं तो यहां पर कई होटल भी हैं जहां जाकर भोजन कर सकते हैं।इसके अलावा यहां पर फल फ्रूट, जूस आदि की भी दुकानें हैं जिसका लाभ आप ले सकते हैं।

हाथीवान महाराज कौन हैं ? Hathivaan Maharaj kaun hain?

हाथीवान महाराज मालवा के राजा थे। जिनका उल्लेख आल्हा के पीरु राजा के रूप में वर्णन मिलता है। इन्होंने बरहा गांव में अपने वाहन हाथी और साथियों सहित जीवित समाधि ली थी। श्री हाथीवान महाराज की सेना में जहां उनका सफेद हाथी पर नेतृत्व सिंहासन होता, वही हाथी के मस्तक पर हनुमंत रूप वानर सवार अपने हाथ में धर्म ध्वजा लिए रहता था। ऐसी सिद्ध आत्माओं के समाधि स्थल की निरंतर सेवा के परिणाम स्वरूप ही महाराज जी के पूर्वजों के ऊपर सिद्ध शक्तियों की विशेष कृपा दृष्टि रही है। श्री गुरु शरण जी महाराज के पिता जब भी बरहा जाते तो अपने पैतृक गांव जरूर जाते। अपने वहां पुत्र गुरुशरण को अपने साथ लेकर श्री हाथ ईमान महाराज के सिद्ध धाम एवं गढ़ी पर पूज्य पागल दास जी महाराज की समाधि के दर्शन हेतु अवश्य जाते थे। 

पुष्पावती नदी का महत्व (Pushpawati Nadi ka Mahatva)

सतयुग, त्रेता, द्वापर, कलयुग तक कल-कल करती पतित पावनी पुष्पावती नदी गंगा के समान है, इसलिए इसे पुष्पावती गंगा भी कहा जाता है। विशाल विंध्याचल पर्वत शृंखला से ही पुष्पावती नदी का उद्गम हुआ है जो कि उत्तर प्रदेश की सीमा के नजदीक स्थित दतिया जिले के बसई थाना अंतर्गत वलिसा ग्राम के वन क्षेत्र में स्थित है। पुष्पावती लगभग 200 किलोमीटर क्षेत्र में सर्पाकार स्थिति में बहते हुए उत्तर प्रदेश के जालौन जनपद के अंतर्गत माधवगढ़ रामपुरा के पास पंचनदा में मिलती है। पंचनदा 5 नदियों पुष्पावती, यमुना, सिंध,  चंबल, कुंवारी नदी का संगम स्थल है। श्रद्धालु पुष्पावती नदी में स्नान प्रार्थना कर उसके जल से श्री बालाजी का जलाभिषेक करते हैं। 

कैसा है पंडोखर गांव ? Kaisa hai Pandokhar Gaon

पंडोखर गांव में ही पंडोखर सरकार धाम स्थित है। यह एक छोटा सा गांव है जो छोटे-मोटे झाड़ियों और पर्वत श्रृंखलाओं के ऊपर बसा है। यहां के निवासी पशुपालन और खेती करते हैं, इसके अलावा पंडोखर धाम में आने वाले श्रद्धालुओं की सेवा सुश्रुशा करके अपने जीवन का निर्वाह करते हैं। पंडोखर गांव अब एक धाम बन गया है जिसकी वजह से यहां के ग्रामवासी बड़े प्रसन्न है क्योंकि उनको रोजी रोटी के लिए कहीं दूसरी जगह जाने की आवश्यकता नहीं है। 

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