मानसिक शक्तियां कैसे प्राप्त होती है ? सूक्ष्म जगत में कैसे प्रवेश होता है ? अवचेतन मन में कौन सी शक्ति छिपी है ? मनुष्य अपनी शक्तियों को कैसे जागृत करें ? Sukshma shaktiyan Kaise prapt hoti hai ?
मनुष्य के अंदर बहुत सारी शक्तियां हैं लेकिन वह सारी शक्तियां मनुष्य के अचेतन मन में पड़ी हुई है। जो अपने अंदर की शक्तियों को जागृत कर लेता है वह महान हो जाता है बाकी सब तो जीवन भर कंगले ही रह जाते हैं।
मानव मन की गहराइयों में सारी चमत्कारिक शक्तियां छिपी हुई है। बचपन से ही मनुष्य का मन इधर -उधर भटकता रहता है, इसलिए मनुष्य कल्पना भी नहीं कर सकता कि उसके अंदर अदभुत और विलक्षण शक्तियां भरी पड़ी हैं। वह इन शक्तियों को बाह्य जगत में ढूंढता रहता है लेकिन यह सभी शक्तियां उसके मन की निचली तह में छिपी हुई हैं। इसलिए कहा जाता है मानव शरीर में अद्भुत शक्तियों का वास है।
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मानव मन असीम ऊर्जा का स्रोत है। मनुष्य जो चाहे वह प्राप्त कर सकता है। उसके के लिए कुछ भी दुर्लभ नहीं है, पर बड़े दुःख की बात है कि इस मनुष्य को स्वयं के ऊपर विश्वास नहीं है कि उसके भीतर इतनी सारी शक्तियां छिपी हैं। अंदर छिपी इन शक्तियों को जगाने के लिए पर्वत, गुफा में जाने की आवश्यकता नहीं है। आप अपनी आँखें खोलिए और अपने मन के भीतर की गहराइयों में जाइये और अपनी अपार शक्तियों का प्रयोग करना सीखिए। अपना हर सपना आप पूरा कर सकते हैं।
मनुष्य के मस्तिष्क में करोड़ों न्यूरॉन से और एक-एक न्यूरॉन्स ब्रह्मांड के सभी ग्रह, नक्षत्र को प्रभावित कर सकते हैं। हमारे मस्तिष्क में इतनी सारी शक्तियां छिपी हुई है जो इन शक्तियों को समझ लेता है वह इस ब्रह्मांड में कुछ भी हासिल कर सकता है। आप जरा सोच कर देखिए कि जो योगी लोग होते हैं वह भी तो हमारी और आपकी तरह इंसान ही होते हैं लेकिन वह अपनी मन की गहराइयों में छिपी शक्तियों को जागृत किए होते हैं जिससे उनके लिए कुछ भी करना असंभव नहीं होता है और हम जैसे तुच्छ मनुष्य अपनी इच्छाओं की पूर्ति के लिए कभी इस बाबा के पास तो कभी उस बाबा के पास दौड़ते रहते हैं।