दिल्ली हमारे देश की राजधानी है. दिल्ली में सारे मंत्री और नेता रहते हैं. यहाँ प्रशासनिक बहुत सारे हेड ऑफिस भी हैं. यहाँ प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री भी रहते हैं फिर भी यहाँ क्राइम कम नहीं होता है. दिल्ली में जेब कतरे और लुटेरों की भरमार है. ऐसा कोई क्राइम नहीं है जो दिल्ली में न होता हो.
दिल्ली के जेब कतरे (Dilli Ke Jeb Kabre)
सवाल यह है कि जिस देश क़ी राजधानी का यह हाल है. उस देश में और क्या क्या होता होगा. मैं दिल्ली में पिछले आठ से रह रहा हुँ. यहाँ बसों में जेब कतरों का एक झुण्ड चढ़ता है और लोगों के जेबों से पैसे और मोबइल निकाल लिया जाता है. कोई डर के मारे कुछ नहीं बोलता है क्योंकि उनके हाथों ब्लेंड और धारदार हथियार होते हैं. बस वालों को भी पता होता है कि यह सब जेब कतरे हैं. फिर भी वह डर के मारे कुछ नहीं बोलते. मेरा कोई भी ऐसा जान पहचान वाला नहीं होगा जिसकी जेब न कटी हो.
दिल्ली में रात को निकलना (Dilli Me Raat ko Nikalna)
दिल्ली में बहुत सारे ऐसे इलाके हैं जहाँ रात को 10 बजे के बाद घर से बाहर निकाल जाओ तो जो भी पास में घड़ी, मोबाइल पैसा आदि होगा सब लूट लेंगे. यहाँ पुलिस कि जिप्सी खूब घूमती है फिर भी क्राइम वैसे का वैसे ही है. मेरे आँखों के सामने शाम 7 बजे आनंद विहार बस अड्डे के पास से एक जेब कतरा एक महिला का पर्स हाथ में से छीनकर भागा और दीवाल फादकर छाड़ी में जाकर छुप गया.
दिल्ली में स्त्रियों का शोषण (Dilli Me Striyon का Shoshan)
दिल्ली में पुलिस ने कई spa Center पर छापा मारा था जहाँ मसाज के नाम पर देह व्यापार होता था. दिल्ली में जीबी रोड है जहाँ खुलेयाम वेश्यालय चलता है. इसके अलावा रोज कहीं न कहीं बेटी बहुओं के साथ दुष्कर्म की खबर जरूर सुनने को मिल जाती है.
दिल्ली के पार्को का हाल (Dilli ke Parkon ka Haall)
दिल्ली में बहुत सारे पब्लिक पार्क हैं. जहाँ सन्डे को चले जाओ तो आंखे बंद करनी पडती है. पब्लिक पार्क में लड़के और लड़कियां ऐसे सोये रहते हैं. जैसे शादी करके सबके सामने हनीमून मना रहे हों. पार्को में लोग शांति और आनंद के साथ घूमने के लिए जाते हैं लेकिन वहां की विचित्र दशा देखकर घर लौट जाते हैं.
दिल्ली क़ी सब्जी मंडी (Delhi क़ी Sabji Mandi)
दिल्ली की बड़ी सब्जी मंडियों में खूब सस्ती सब्जी मिलती है लेकिन अगर हम सेक्टर और सोसाइटी में रहते हैं तो वही सब्जी 3 से 4 गुने महंगे मिलता है. वही हाल फलों का भी है.
दिल्ली के रिक्शा वाले (Delhi ke Rikshwa Wale)
दिल्ली में अगर आप पहली बार आते हैं और अपने किराये पर कहीं जाने के लिए रिक्शा बुक कर लिया तो वह भी आपको लूटने की पूरी कोशिश करते हैं. एक किलोमीटर अगर आपको जाना है तो 5 किलोमीटर घुमाकर ले जायेंगे.
दिल्ली में मजदूरों की हालत (Delhi Me Majduron Ki Halat)
दिल्ली में यूपी बिहार से हजारों मजदूर आकर काम करते हैं लेकिन उनको सही मजदूरी नहीं मिलती है. ठेकेदार आधे पैसे देते हैं और आधे खा जाते हैं. कई जगह तो मजदूरों के कई महीने के पैसे हड़प कर जाते हैं. कहीं कोई सुनवाई नहीं होती है.
मैं अपने देश के नेताओं और मंत्रियों से अपील करता हुँ कि आपलोग जिस दिल्ली रहते हैं, उसका यह हाल है तो बाकी राज्यों का क्या होगा. कम से कम आपलोग देश क़ी राजधानी दिल्ली को तो सुधार दें.