अब राशन डीलर नहीं कर पाएगा राशन की चोरी। आप देश के किसी भी कोने चले जाईये, हर जगह राशन की चोरी होती है। राशन डीलर लोगों को कम राशन देता है और राशन तौलने में भी घपलेबाजी करता है। हमारे भठवा तिवारी गांव में लगभग 80 % लोगों के साथ ऐसा होता है।
अगर आप किसी भी गांव के निवासी हैं और आपको काम राशन मिल रहा है तो जरूर कम्प्लेन करें। ये राशन डीलर ऐसे सुधरने वाले नहीं हैं। आप उनके खिलाफ जनसुनवाई पोर्टल पर जाकर कम्प्लेन करें।
देश में एक बड़ी आबादी सरकार द्वारा सस्ती दरों पर मिलने वाले राशन का लाभ उठाती है। अक्सर देखने को मिलता है कि राशन डीलर लाभार्थियों को राशन देते समय घपलाबाजी करने लगते हैं। ऐसे में सरकार द्वारा मिलने वाले राशन का उचित लाभ लाभार्थियों को नहीं मिल पाता है। इस कारण कई बार राशन कार्ड धारक परेशान हो जाते हैं। इसके अलावा कई बार उचित गुणवत्ता के राशन न मिलने की शिकायतें भी समय-समय पर आती रही हैं।
राशन लाभार्थियों की इसी समस्या को देखते हुए सरकार एक ठोस कदम उठाने जा रही है। सरकार के इस फैसले के लागू होने के बाद देश में करोड़ों राशन लाभार्थियों को बड़ा फायदा मिल सकता है। सरकार राशन दुकानों के सिस्टम को पूरी तरह बदलने की योजना बना रही है। वह राशन की दुकानों पर सीसीटीवी कैमरे लगाने पर विचार कर रही है। इसके अलावा पुराने हेल्पलाइन नंबरों की व्यवस्था को ठीक करने की तैयारी भी की जा रही है।
संसद की स्थायी समिति ने राशन की दुकानों पर घपलाबाजी और कालाबाजारी को रोकने के लिए सीसीटीवी कैमरे को लगाने की सिफारिश की है। बीते लंबे समय से कालाबाजारी को लेकर राशन लाभार्थियों की शिकायत आ रही थी।
इसके अलावा समिति ने हेल्पलाइन नंबर के सिस्टम को बेहतर करने की भी सिफारिश की है। खाद्य और उपभोक्ता मामलों व जन वितरण पर संसद की स्थायी समिति ने स्वतंत्र रूप से औचक निरीक्षण को लेकर भी मांग की है।
19 जुलाई को संसद में समिति ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि एफसीआई के गोदामों में अनाज भंडार के संयुक्त निरीक्षण और खाद्य और सार्वजनिक वितरण विभाग में गुणवत्ता नियंत्रण प्रकोष्ठ की मौजूदगी के बावजूद राशन लाभार्थी अनाज की खराब गुणवत्ता को लेकर शिकायतें कर रहे थे।
रिपोर्ट में इस बात का भी उल्लेख किया गया है कि ऐसा कुछ बिचौलियों की वजह से हो सकता है, जो अच्छी गुणवत्ता के खाद्यानों को राशन की दुकानों की बजाए किसी दूसरी जगह पर भेज देत हैं। इस कारण राशन कार्ड धारकों को अच्छी गुणवत्ता का सामान नहीं मिल पाता है। इसी समस्या को देखते हुए समिति इसको लेकर कई ठोस कदम उठाने पर विचार कर रही है।