pandokhar dham sarkar

त्रिकालदर्शी दरबार कहाँ है? पंडोखर सरकार की सच्चाई क्या है? धरती का जंगम तीर्थ है पंडोखर धाम. पंडोखर धाम में दरबार कब से कब तक लगता है?

अगर आप जीवन की बहुत सारी समस्याओं से जूझ रहे हैं तो ek बार पंडोखर सरकार जरूर जाएँ. किसकी बिगड़ी कहाँ बन जायेगी यह कोई नहीं जानता. लेकिन पंडोखर धाम में भूत, भविष्य और वर्तमान तीनों की खबर मिल जाती है. 

दोस्तों! मेरा उपेंद्र कुमार है और मैंने 27-5-22 को पंडोखर धाम से जाकर टोकन लाया था, इसलिए मैं आज दिनांक 7-06-22 को दुबारा पंडोखर धाम के लिए जा रहा हुँ.

मैं यह सोचकर जा रहा हुँ कि शायद मुझे भी गुरूजी का आशीर्वाद मिल जाय और मेरे जीवन की नैया पार हो जाये. मन में तो बहुत सारे अरमान लेकर जा रहा हुँ. अब देखता हुँ हमारी मुलाक़ात महाराज जी से होती है कि नहीं. यदि आप में से कोई भी व्यक्ति महाराज जी से पहले मिला है तो हमें कमेंट करके जरूर बतायें.

महाराज गुरुशरण जी ने हजारों लाखों के भाग्य को बदल दिया है इसलिए मैं भी एक आशावादी दृश्टिकोण के साथ पंडोखर धाम जा रहा हुँ. जैसे ही मैं वहां से लौटकर वापस आऊंगा तो वहां का अनुभव आप सबके साथ शेयर करूँगा.

जैसा क़ि आप सभी लोग जानते हैं कि पंडोखर धाम मध्य प्रदेश के दतिया जिले के पंडोखर गांव में पड़ता है. यहाँ आप रेलवे ट्रेन से आना चाहते हैं तो आपको ग्वालियर, झाँसी या दतिया स्टेशन उतरना होगा, उसके बाद बस द्वारा पंडोखर धाम जाना होगा. अगर आपको गुरूजी से मिलना है तो आप अमस्या से लेकर पंचमी तक आएं तो अच्छा रहेगा.

पंडोखर धाम एक ऐसा त्रिकालदर्शी दरबार बन गया है जहाँ अब देश ही नहीं बल्कि विदेशों से भी लोग यहाँ पर आते हैं. इस पंडोखर धाम में अमावस्या से लेकर पंचमी तक मेला लगा रहता है. यहाँ पर आये हुए सभी भक्तों के लिए निःशुल्क भोजन की व्यवस्था है और रहने के लिए कोई खास चार्ज नहीं लगता है.

पंडोखर धाम में अपनी जीवन से जुडी सभी समस्याओं के बारे में पूछ सकते हैं. यहाँ पर लोग देहिक, दैविक, भौतिक, आर्थिक, मानसिक तथा भूत प्रेत बाधा के निवारण के लिए आते हैं.

पंडोखर धाम की खास बातें

पंडोखर धाम के श्री गुरुशरण जी महाराज किसी के भी साथ भेदभाव नहीं रखते है, उनकी नजर सबपर एक समान रहती है. उनके पास जो भी जाता है चाहे वह 100 रूपये की पर्ची कटाई हो या 2100 या 11000 की, उनकी कृपा सबपर एक समान बरस्ती है.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *