Superconsious Mind Kya hai

चेतन और अवचेतन मन क्या है ? चेतन मन को Conscious Mind और अवचेतन मन को Subconscious Mind कहते हैं। माइंड की 10% पावर यानि कार्य करने की क्षमता चेतन मन में होता है और 90% पावर अवचेतन मन में होता होता है। 

जैसे कंप्यूटर में रैम होता है वैसे ही हमारे शरीर में चेतन मन होता है और जैसे कंप्यूटर के अंदर हार्ड डिस्क होता है वैसे ही हमारे अंदर अवचेतन मन होता है। दिन-रात जो कुछ भी हम कार्य करते हैं या सीखते हैं वह सारा डाटा जाकर अवचेतन मन में स्टोर हो जाता है। 

चेतन मन हमारा जागृत अवस्था होता है और अवचेतन सुप्त अवस्था होता है जिसमें वर्तमान व और पूर्व जन्म में किये गए कार्यों की स्मृति होती है। जब हम कोई भी कार्य करते हैं जैसे कुछ देखते हैं, सीखते हैं या पढ़ते हैं वह सब चेतन मन के द्वारा होता है फिर वह सारा कुछ जाकर अवचेतन मन में स्टोर हो जाता हैै। उदाहरण के लिए समझिए – चेतन मन दुकान का के आगे का हिस्सा है और अवचेतन मन दुकान का गोदाम है जहॉ सारा एक्ट्रा सामान रखते हैं। 

हमारी चार अवस्थाएं होती हैं जाग्रत, स्वप्न, सुषुप्ति और तुरीय अवस्था। जागृत में जो कुछ भी हम कार्य करते हैं उसे Conscious Mind कहा जाता है और सोने के बाद जो कुछ भी सपने में चलता है उसे Subconscious Mind कहा जाता है। जब हम नींद की गहरी अवस्था में पूरी तरह डूब जाते हैं, जिसमें न जागृत होता है न सपना होता है उसे सुषुप्ति अवस्था यानि Unconscious Mind कहते हैं। तुरिया अवस्था मनुष्य की समाधि अवस्था को कहा जाता है। इस अवस्था को विज्ञान की भाषा में Super Conscious Mind कहा जाता है। जो व्यक्ति Super Conscious Mind को समझ लेता है वह कुछ भी करने में समर्थ हो जाता है। 

सुपरकॉन्शियस माइंड वह मानसिक पावर है जिसके माध्यम से किसी भी चीज का ज्ञान प्राप्त करके उसे चेतन मन तक पहुंचाने में सक्षम है। इसलिए यह सामान्य चेतना से परे है। इसे ध्यान और समाधि से प्राप्त चेतना की पारलौकिक अवस्थाओं का वर्णन करने के लिए भी किया जाता है। इसके द्वारा अतीत, भविष्य, भौतिक रूप से दूरस्थ, भौतिक इंद्रियों से परे का ज्ञान हासिल किया जा सकता है। इससे पूर्वज्ञान, दूरदृष्टि जैसी मानसिक क्षमताएं भी विकसित हो जाती है।

जाग्रत में हम जो कुछ भी करते हैं वह चेतन मन से होता है। जब हम गहरी नींद में होते हैं और चेतन मन शांत हो जाता है तब अचेतन मन क्रियाशील होता है। जब अवचेतन मन शून्य हो जाता है तब अतिचेतन यानि Super Conscious Mind में प्रवेश मिलता है हालांकि यह अवस्था किसी बिरले को ही प्राप्त होती है। सुपर कांसस माइंड तक पहुंचने के लिए मनुष्य को जप, ध्यान और साधना करनी पड़ती है। 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *