Karauli Sarkar Me Hawan

करौली सरकार धाम, कानपुर में देश ही नहीं बल्कि विदेश से भी लोग हवन पूजन में शामिल होने के लिए आते हैं। पुनर्जन्म सिद्धांत को मानकर यहाँ लोग पितृ मुक्ति के लिए हवन और यज्ञ करवाते हैं। भारत की सनातन संस्कृति अपने वैदिक दर्शन के कारण पुरे विश्व में प्रसिद्ध है। वैदिक दर्शन का ऐसा प्रभाव है कि लोग सात समंदर पार से भी यहाँ आने के लिए मजबूर हैं। कानपुर के Karauli Sarkar Dham में विदेशी लोग आकर वेद व दर्शन के सार को समझकर लाभान्वित हो रहे हैं। विदेशी नागरिक भी यहीं पर रुककर 15 दिनों तक हवन-पूजन करके पितरों की आत्मा तृप्त करने और उनकी मुक्ति के लिए प्रार्थना करते हैं। पूर्णिमा के दिन ये यहाँ लोग गुरुदीक्षा भी लेते हैं।

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कानपुर शहर से करीब 15 किमी दूर चकेरी गांव से लगे बिधनू के करौली गांव स्थित Eshwariya Chikitsa Awam Anusandhan Kendra में वैदिक सनातन संस्कृति के विभिन्न विषयों पर अनुसंधान हो रहा है। देश-विदेश से लोग इसका  लाभ लेने के लिए करौली धाम आते हैं। बाहर देशों के अलग-अलग स्थानों से लोग आश्रम में वेद व दर्शन के मर्म समझने आ रहे हैं। चेक गणराज्य के प्लम्लोव शहर के Diputy Meyar रहे इरी कोचांद्रल ने बताया कि कुछ दिन पहले फोन पर गुरुजी से बात हुई और उनसे प्रभावित होकर हम भारतीय विद्या को सीखने व समझने के लिए करौली आये हैं। 

क्यों कराए जाते हैं हवन और नमन ?

सभी लोगों के साथ प्रेत व पूर्वजों का सम्बन्ध है। जैसे ही आप दरबार में आने की सोचते हैं उनमें खलबली मच जाती है। हवन या नमन से इन सभी बुरी शक्तियों को खत्म करने का आधार मिलता है। दरबार के हवन किट में 21 दिव्य वस्तुएँ शामिल हैं, जिनके अग्नि में संपर्क होने मात्र से करौली सरकार की दैवीय शक्तियाँ सक्रिय होकर आपके घर में वर्षों से कब्जा जमा कर बैठी नकारात्मक शक्तियों को भस्म करना शुरू कर देती हैं। इस हवन से सकारात्मक शक्तियों का प्रभाव आप पर होता है। इस हवन से नकारात्मक शक्तियों को भी फायदा होता है, उनके उद्धार व मुक्ति का मार्ग प्रसस्त होता है। 

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