क्या मधुमेह को जड़ से खत्म किया जा सकता है? तो मेरा जबाब है, हाँ। मेरे पास बहुत सारे मधुमेह के रोगी आते हैं और पूछते हैं कि शुगर में कौन सी जड़ी बूटी काम आती है? लेकिन हम तो केवल प्राकृतिक चिकित्सा के माध्यम से इलाज करते हैं। फिर कई मरीज मुझसे कहते हैं कि आप अपनी चिकित्सा शुरू कीजिए, परंतु यदि मैं पहले पैथोलॉजिस्ट के यहां जांच करवा लूं तो इसमें बुरा ही क्या है? मैंने ऐसे लोगों से कहा कि एलोपैथ की जांच रिपोर्ट में ही मधुमेह रोग का इलाज छुपा हुआ है। यदि आप डॉक्टर की बात पर विश्वास न करके उसकी जांच की रिपोर्ट पर गहराई से विचार करें तो आप का रोग ठीक हो सकता है। उन्होंने कहा कि जरा आप विस्तार से बताइए कि ऐसा कैसे हो सकता है। मैंने उन लोगों को बताया कि उपवास (फास्टिंग) परीक्षण रिपोर्ट में शर्करा शरीर में कम रहती है और भोजन के 2 घंटे के बाद के परीक्षण में शर्करा शरीर में अधिक हो जाती है। यह बात तो सत्य है। यदि इस पर आप गहराई से सोचें कि अगर एक रात की उपवास से शरीर में शर्करा कम हो सकती है तो एक-दो दिन के उपवास से शरीर में शर्करा सामान्य क्यों नहीं हो सकती ? इसमें माथापच्ची करने की कौन सी बात है।
शुगर की कौन-कौन सी जांच होती है?
कभी-कभी तो किसी रोग में डॉक्टर बिना दवाइयों के सेवन किए हुए रोगी का सुबह परीक्षण करवाते हैं और पुनः दवा सेवन करने के बाद शाम के परीक्षक की रिपोर्ट लाने को कहते हैं। शायद वे रोगी पर अपनी दवा का प्रभाव देखने के लिए ऐसा करते हैं या और दूसरी कोई बात होगी इसे मैं पूर्ण रूप से बताएं सकता। यहाँ तक कि उनकी इस बात पर मुझे कभी-कभी पैथोलॉजी, कार्डियोलॉजी, सोनोग्राफी, रेडियोलॉजी, वीडियो ड्यूनियो स्कोप, वीडियो गैस्ट्रोस्कोप, वीडियो कोलोनो स्कोप आदि के परीक्षा रिपोर्टों पर भी शक होता है। लोग हमसे यह भी पूछते हैं कि शुगर की सबसे अच्छी दवा क्या है? मेरा जबाब है केवल प्राकृतिक चिकित्सा।
जब तक रोगी किसी चिकित्सालय में या किसी डॉक्टर के पास से इलाज कराकर निराश हो जाता है और यह समझने लगता है कि यहां हमारा ठीक से इलाज नहीं हो पा रहा है, तब वह दूसरा हॉस्पिटल या दूसरा डॉक्टर बदलता है। जब वह दूसरे अस्पताल या डॉक्टर की शरण में जाता है तब वहां उसकी जितनी परीक्षण रिपोर्ट पहले की है उन्हें दूसरा डॉक्टर नकार देता है और पुनः दुबारा उन्ही मल मूत्र आदि के परीक्षण करवाता है। वे डॉक्टर पहले की हुई जांच पर विश्वास ही नहीं करते या बार-बार जांच कराने से रोग में कोई लाभ होता है अथवा अन्य दूसरा किसी प्रकार का क्या लाभ होता है? ऐसा वे क्यों और किस लिए करते हैं मैं आज तक समझ नहीं पाया हूं और समझ भी पाया हूं तब उसे बताना नहीं चाहता। पाठक और स्वयं समझ जाएं ।
क्या प्राकृतिक चिकित्सा मधुमेह को ठीक कर सकती है ?
हम प्राकृतिक चिकित्सा के द्वारा मधुमेह को पूरी तरह से ठीक कर देते हैं। प्राकृतिक चिकित्सा में सबसे पहले रोगी के पेट, जीभ, होठ, नाखून, त्वचा, आदि का भी परीक्षण किया जाता है तथा उसके मल-मूत्र, पसीना, आराम, व्यायाम, खाना-पीना, नहाना, सोना, जागना आदि सभी बातों की जानकारी रोगी से बातचीत करके ली जाती है और अपने जीवन काल में कब किस रोग की चिकित्सा किस पद्धति से कितने समय तक करवाई है, उसकी जानकारी के आधार पर रोग होने के कारण का पता आसानी से लगा लिया जाता है। प्राकृतिक चिकित्सा में रोगी चाहे किसी भी रोग से पीड़ित हो उसके पेट की जांच जरूर की जाती है और अन्य दूसरे परीक्षण भले ही छूट जाय, किंतु पेट की जांच सबसे पहले करके सर्वप्रथम पेट को साफ करके रोगी का इलाज शुरू किया जाता है।
यदि आप प्राकृतिक चिकित्सा के माध्यम से डायबिटीज यानी मधुमेह का इलाज करवाना चाहते हैं तो हमारे मिलने का पता है :-
श्रीमती महाराजी प्राकृतिक चिकित्सालय
कामा क्रास लेन, घाटकोपर, मुंबई -400086
FAQ.
Q. शुगर में कौन सी जड़ी बूटी काम आती है?
Ans. शुगर में जंगली भिंडी की जड़ काम में आती है।
Q. शुगर की सबसे अच्छी दवा क्या है?
Ans. शुगर की सबसे अच्छी दवा DIP Diet है।
Q. शुगर में क्या क्या परहेज करना चाहिए?
Ans. सभी प्रोसैस्ड फूड, हाई ग्लीसेमिक इंडेक्स फ़ूड, पैक्ड फ़ूड, चीनी, मैदा आदि का परहेज करना चाहिए।
Q. डायबिटीज रोग किसकी कमी से होता है?
Ans. डायबिटीज रोग इंसुलिन की कमी से होता है।