आज की युवा पीढ़ी प्यार के चक्कर में कभी-कभी अपनी जान तक दे देते हैं। उसका मूल कारण असफलता होता है। जब कोई व्यक्ति किसी से प्यार करता है और उसमें सफल नहीं हो पाता है तो वह अपने जीवन से बहुत निराश हो जाता है। उसको समझ में नहीं आता कि वह करे तो क्या करे ? इसलिए ऐसे नवयुवकों के लिए यह वशीकरण मंत्र काफी मददगार साबित होगा। यह वशीकरण प्रयोग अत्याधिक प्रभावशाली है, इसे तंत्र के द्वारा और मंत्र के द्वारा भी सिद्ध किया जाता है। वैसे तो वशीकरण मंत्र के ग्रन्थो मे सैकडो उपलब्ध है, लेकिन तिब्बती लामाओ के पास जो वशीकरण मन्त्र है वह बन्दूक की गोली की तरह अचुक होता है, प्रयोग करते ही उसका असर दिख जाता है। कठोर से कठोर ह्रदय वाले व्यक्ति को अपने वश मे कर सकते हैं।
वशीकरण प्रयोग प्रयोग विधि (Tivra Vashikaran Prayog Vidhi)
सबसे पहले इस मन्त्र को सिद्ध कर लेना है। सिद्ध करने के लिए मात्र 1100 माला मन्त्र जप 25 दिन मे करना है । इसके लिए हकीक माला का प्रयोग करना है । रात्रि में स्नान करके पश्चिम दिशा में मुह कर वैठ जायें और सामने ‘सियार सिँगी’ को रख दें। फिर अगरबत्ती जलाकर मन्त्र जप शुरु कर देँ । मन्त्र जप जब 25 दिन में पूरा करने के बाद सियार सिंघी को किसी डिब्बी मे बंद करके रख लें । मन्त्र सिद्ध हो जाने के बाद जिसको वश मे करना हो उसके नाम को उच्चारण करते हुये 3 माला मंत्र जपकर उसके सामने जायें तो वह वश मे होता हुआ आपकी कही बात को मान लेगा । इसका मन्त्र का प्रभाव जीवन भर रहता है ।
सिद्ध करने का तीव्र वशीकरण मंत्र (Siddh Karne Ka Tivra Vashikaran Mantra )
ॐ ह्रीं क्लीँ ऐँ मणिभद्रे हुँ वशाय वशमानय फट्।
इस मन्त्र को सिद्ध करने के बाद किसी पर भी प्रयोग करने का मन्त्र- ॐ ( बीज मन्त्र उच्चारण करेँ ) वशाय ( उसका नाम) वशमानाय ह्रीँ क्लीँ ऐँ मणिभद्रे फट्।
वशीकरण मंत्र में प्रयोग होने वाला बीज मंत्र (Vashikaran Mantra Me Prayog Hone Wala Bij Mantra)
1. अधिकारी को वश में करने के लिए– ऐँ, 2. पत्नी-प्रेमिका – ह्रीं, 3.पति — ब्लीं, 4.पुत्र या पुत्री – पीँ, 5. व्यापारी – क्रीँ, 6. अनदेखे व्यक्ति को- ग्लोँ, 7.शत्रु को – ब्लूं, 8.मुकदमे मे- ह्लीँ, 9. विरोधी व्यक्ति को- भ्रां, 10.सचिव या मंत्री – टं, यहा किसी स्त्री या प्रेमिका को वश मे करने का बीज मंत्र नही दे रहा हूँ और ना ही कोइ पुछे । इस साधना को पुरुष या स्त्री कोई भी कर सकता है। इस बात का ध्यान रहना चाहिए कि आप जिस पर इस मंत्र का प्रयोग कर रहे हैं उसे पता नही चले कि उस पर प्रयोग किया गया है । साभार : मंत्र तंत्र यंत्र विज्ञान पत्रिका – श्री नारायण दत्त श्रीमाली
कार्य बाधा निवारण मंत्र (Karya Baadha Niwaran Mantra)
दोस्तों ! अगर आप किसी कार्य से घर से बाहर जा रहे हैं और आपको लगता है कि आपका काम होगा कि नहीं होगा। अगर ऐसा आपके मन में है तो इस मंत्र का प्रयोग आप जरूर करें। आपको 100% सफलता मिलेगी। दोस्तों ! यह मंत्र हजारों लोगों द्वारा अपनाया गया है और यह 100% खरा उतरा है। आदमी के जीवन में हजारों समस्याएं रहती है और उन समस्याओं से धीरे रहना हमारी मजबूरी बन गई लेकिन दुख तब होता है जब हम किसी आवश्यक कार्य से घर से बाहर निकलते हैं और वह हमारा काम नहीं हो पाता है। बार-बार हमारी लाइफ में अड़चनें आती हैं और हम उन से निपटने के लिए अथक प्रयास करते हैं लेकिन इसके बावजूद भी हम कहीं ना कहीं अपने लक्ष्य से चूक जाते हैं। दोस्तों यह मंत्र आपको आपके कार्य में जरूर सफलता दिलाएगा। एक बार इस मंत्र को प्रयोग करके आप जरूर देखें। अगर आपको सफलता मिलती है तो आप अपने दोस्तों, रिश्तेदारों को भी इस मंत्र के बारे में बताएं ताकि वह भी इसका लाभ उठा सकें। यह मंत्र जप के रखने के लिए आपको आधी चम्मच पीली सरसों की जरूरत पड़ेगी।
मंत्र का प्रयोग
अपने हाथ में दाएं हाथ में आधा चम्मच पीली सरसों का दाना रख कर के मुट्ठी बंद कर ले। उसके बाद यह मंत्र 7 बार बोले : “ओम क्लीं रक्ष रक्ष कार्य सिद्धयै ह्रीं ह्रीं फट”
फिर उस मुट्ठी को अपने सिर के ऊपर से 7 बार घुमावें और जिस रास्ते से आपको जाना है उस रास्ते में आपको उसे छोड़ देना है और आपको वहां से आगे यात्रा के लिए निकल जाना है। इस प्रयोग से आपको जरूर चमत्कारी लाभ होगा। इसका प्रयोग हजारों लोगों ने किया है।
धन प्राप्ति के अचूक टोटके (Dhan Prapti Ke Achuk Totke)
यदि आप आर्थिक रूप से परेशान हैं तो यहां कुछ ऐसे उपाय व टोटकों का वर्णन किया जा रहा है। जिसका प्रयोग करके आप आर्थिक विपन्नता को दूर कर, धन लाभ प्राप्त कर सकते हैं।
If you are financially troubled, then some such remedies and tricks are being described here. By using which you can get financial benefits by removing financial troubles.
1. आर्थिक रूप से संपन्न होने के लिए काली मिर्च के 7 दाने सिर पर से 7 बार घुमाकर चारों कोनों में 1-1 फेक दें तथा शेष एक दाना ऊपर आकाश की ओर उछाल दें और हट जाएं ताकि वह आपके ऊपर ही न आ गिरे। यह क्रिया प्रातः या संध्याकाल में सबकी दृष्टि बचाकर करें।
To be financially prosperous, throw 7 grains of black pepper 7 times over the head and throw 1-1 in all four corners and throw the remaining one grain up towards the sky and move away so that it does not fall on you. Do this action in the morning or evening by protecting everyone’s eyesight.
2. शनिवार के दिन प्रात: पीपल का एक अखंडित पत्ता तोड़कर लाएं उसे गंगाजल से धोकर उसके ऊपर हल्दी तथा दही के घोल से अपने दाहिने हाथ की अनामिका अंगुली द्वारा एक वर्ग के भीतर “ह्रीं” लिख दें। तत्पश्चात उसे धूप दीप दिखाकर और पत्ता मोड़ कर अपने पर्स में रख लें। इस प्रकार प्रत्येक शनिवार को यह पता नए पत्ते से उपर्युक्त क्रियायें करके बदलते रहें तथा पुराना पत्ता घर से बाहर किसी पवित्र स्थान पर डाल दिया करें। 11 शनिवार यह क्रिया करने से धन संबंधी समस्त समस्याओं का समाधान हो जाएगा।
On Saturday morning, pluck an unbroken leaf of Peepal, wash it with Ganges water and write “Hreem” on it with the solution of turmeric and curd with the ring finger of your right hand within a square. After that by showing him incense lamp and folding the leaf keep it in your purse. In this way, on every Saturday, keep changing this address with a new leaf by doing the above mentioned actions and put the old leaf outside the house at a holy place. By doing this action on Saturday 11, all the problems related to money will be solved.
3. यदि आप यह चाहते हैं कि सदा आर्थिक संपन्नता बनी रहे और धन का आगमन कभी न रुके तो सोमवार के दिन श्मशान में स्थित महादेव मंदिर में जाकर दूध और शहद मिलाकर चढ़ाएं।
If you want that there should always be financial prosperity and the arrival of money never stops, then on Monday, go to the Mahadev temple located in the crematorium and offer milk and honey mixed.
4. यदि कहीं आते जाते समय मार्ग में कोई मोर नाचता दिखाई दे तो उसी समय उस स्थान की थोड़ी सी मिट्टी उठाकर अपनी जेब में रख लें, घर लौटकर उस मिट्टी को धूप दीप दिखाकर एवं किसी चांदी की डिब्बी में भरकर तिजोरी में रख दें। इससे सदा धन से संपन्न रहेंगे।
If a peacock is seen dancing on the way while going somewhere, then at the same time pick up some soil of that place and keep it in your pocket, after returning home, keep that soil by showing incense lamp and filling it in a silver box and keep it in the safe. You will always be rich with this money.
5. प्रतिदिन प्रातः काल मां लक्ष्मी को लाल पुष्प अर्पित करके गाय के कच्चे दूध से बनी मिठाई का भोग लगाएं। आर्थिक लाभ अवश्य ही होगा।
Offering red flowers to Goddess Lakshmi every morning and offer sweets made from raw cow’s milk. There will definitely be economic benefits.
6. घर के मुख्य द्वार पर शनिवार को सरसों के तेल का दीपक जलाएं और दीपक जाने पर यदि उसमें तेल बचा हो तो उसे पीपल वृक्ष पर संध्या के समय चढ़ा दें। इस प्रकार सात शनिवार करने से धन का अभाव नहीं रहता है।
Light a mustard oil lamp at the main entrance of the house on Saturday and if the oil is left in the lamp, then offer it to the Peepal tree in the evening. In this way, there is no shortage of money by doing seven Saturdays.
7. पीपल वृक्ष के नीचे शिव प्रतिमा स्थापित करके प्रतिदिन प्रातः काल उस पर जल चढ़ाएं और धूप-दिप दिखाकर पूजा अर्चना करें। तत्पश्चात “ओम नमः शिवाय” मंत्र का पांच माला जप करें। इससे धन का आगमन होने लगेगा।
Establish a Shiva idol under a Peepal tree and offer water to it every morning and offer prayers by showing incense and lamp. After that chant the mantra “Om Namah Shivaya” five rounds. With this money will start coming in.
8. धन त्रयोदशी पर आप कुबेर यंत्र लाकर उसकी विधि विधान के साथ पूजा करें। फिर दीपावली की रात्रि में 108 कमलगट्टे के बीज भगवती लक्ष्मी का एकाक्षरी मंत्र “श्रीं” का जप करते हुए अर्पित करें। अगले दिन यंत्र के साथ उन बीजों को लाल वस्त्र में बांधकर अपने धन रखने के स्थान पर रख दें। वर्ष भर के लिए आर्थिक रूप से निश्चिंत हो जाएं। आपको धन की कोई कमी नहीं रहेगी।
On Dhan Trayodashi, you should bring Kuber Yantra and worship it with rituals. Then on the night of Deepawali, offer 108 Kamalgatte seeds to Bhagwati Lakshmi while chanting the ekakshari mantra “Shree”. On the next day, tie those seeds with a yantra in a red cloth and keep them at the place of keeping your wealth. Be financially secure for the whole year. You will have no shortage of money.
क्या होती है तांत्रिक साधना ? | What is Tantric Sadhana?
तंत्र बड़ी ऊंची चीज है। उसकी साधना भी बड़ी कठिन और गंभीर है। सबके बस की भी नहीं है। सभी को इसमें सफलता नहीं मिलती है। तंत्र का अपना एक विज्ञान है। जो लोग उसके विज्ञान से भलीभांति परिचित होते हैं वही तंत्र साधक सीख सकते हैं और साधना में सफलता प्राप्त कर सकते हैं। तांत्रिक साधना एकमात्र शक्ति क्यों ना हो। सभी शक्तियां विनाश का कारण हैं। आध्यात्मिक और भौतिक दोनों दृष्टिओं से शक्ति को अपने हित में कल्याणकारी बनाना ही तंत्र साधना का एकमात्र लक्ष्य है। इस दिशा में जरा सा भी भूल-चूक, जरा सा त्रुटि अथवा लापरवाही प्राणघातक सिद्ध हो सकती है। कभी किसी भी समय प्राण संकट में पड़ सकता है। सच तो यह है कि तंत्र की साधना तलवार की तीखी धार पर रखी शहद बूंद के समान है चाहो तो उस बून्द को चाटो मगर जीभ भी चिर जायेगी। शहद का स्वाद भी लिया जाए और जीभ भी न चीरे यह कौशल होना चाहिए और यह कौशल केवल सद्गुरु बता सकता है।यह भी पढ़ें
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तांत्रिक साधना और सिद्धि का संबंध वैश्वानर जगत से है। वैश्वानर जगत वास्तव में संपूर्ण विश्व ब्रह्मांड में क्रियाशील दैवी शक्तियों का मूल केंद्र है। तांत्रिक दृष्टि से उन शक्तियों को 64 भागों में विभक्त किया गया है। प्रत्येक भाग की अपनी स्वतंत्र सकती है जिसे साधना भूमि में योगिनी की संज्ञा दी गई है। साधक समाज जिन 64 योगिनियों से परिचित हैं वह चौसठ योगिनी यही है। तंत्र में उसे 64 विद्या भी कहा जाता है। 64 योगिनी का ही पर्याय है। प्रत्येक योगिनी अथवा विद्या का अपना एक तंत्र है। इस प्रकार तंत्रो की भी कुल संख्या 64 है। तंत्र का मतलब है वह साधन जिसके द्वारा शक्ति साधक के अधिकार में आ जाती है। यदि यह कहा जाए तो साबित होगा कि साधक और शक्ति के बीच जो सूत्र है वही तंत्र है। तंत्र साध्य नहीं साधन है। साध्य वस्तु तो एक मात्र शक्ति ही है। शक्ति त्रिगुणात्मिका है और उसी त्रिगुण के आधार पर योगिनियों अथवा विद्याओं को भी विभाजित किया गया है। कुल विद्या सात्विक है और कुछ रजोगुणी हैं। जो तमोगुणी में विद्याएं हैं उसमें डाकिनी विद्या, शाकिनी विद्या, धूमावती विद्या, नाग विद्या, नाग मोहिनी विद्या, अघोर विद्या, कपालसंकलिनी विद्या, प्रेत विद्या, पिशाच विद्या, मारन, मोहन, वशीकरण, उच्चाटन, विद्वेषण, उच्चाटन षट्कर्म आदि विभिन्न प्रकार के तमोगुण तांत्रिक प्रयोग व अनुष्ठान भी इसी के अंतर्गत है।
धूमावती विद्या
तमोगुण विद्याओं में डाकिनी विद्या और धूमावती विद्या ऐसी विद्या है जो अत्यंत भयानक और दुर्धर्ष समझी जाती है। डाकिनी विद्या की सिद्धि की सहायता से किसी की आंखों में झांक कर उसके भूत भविष्य और वर्तमान का हाल वतलाया जा सकता है। मगर इससे भी बढ़कर है धूमावती विद्या। इसकी सहायता से कोई भी अपना रूप रंग, शक्ल शूरत यहां तक कि अपनी वाणी भी बदल सकता है।
सारांश
आज भारत में ऐसे बहुत सारे साधु महात्मा और बाबा लोग अपना चमत्कार दिखा रहे हैं और लोगों का हुजूम उनके आश्रमों में लगा रहता है। क्या भारत में अभी भी प्राचीन समय की तांत्रिक विद्या कायम है, जिसके बल पर यह लोग अपना चमत्कार दिखा रहे हैं। चमत्कार के मामले में भारत सदियों से देश और विदेश के लोगों का केंद्र रहा है लेकिन अभी का जो चमत्कार है वह लाइव भी दिखाया जाता है। लोग उन चमत्कारों को देखकर दंग रह जाते हैं और सोचते हैं कि काश कोई बाबा हमारे लिए भी चमत्कार कर दे और हमारा जीवन धन्य धन्य हो जाए। इन बाबा लोगों के पास हजारों लाखों लोग जाते हैं लेकिन इसमें कितना सच्चाई है यह उनसे संपर्क करने के बाद ही पता चलता है। लेकिन भारत के इन साधु महात्माओं के पास कुछ तो है जिसे यह लोग प्रयोग करते हैं और लोगों की समस्याओं का समाधान भी करते हैं।
FAQ.
What is tantra Sadhana in India ? तंत्र साधना क्या है?
How can I learn tantra Sadhana in India ? मैं तंत्र साधना कैसे सीख सकता हूँ?
How many types of Sadhana in India? साधना कितने प्रकार की होती है?
What is tantra Vidya? तंत्र विद्या क्या है?