यदि किसी के घर में भूत बाधा है या प्रेत बाधा है तो एक नारियल अपने हाथ में लीजिए और जो आपका इष्ट हो, राम जी महाराज हो, बांके बिहारी हो या मां दुर्गा हो या कोई आपके सिद्ध प्रेत हो या घर के पितर इत्यादि हो या आपका जो भी गुरु मंत्र है। सात बार आवाहन कीजिए। आवाहन करने के पश्चात उनको प्रार्थना कीजिए कि हमारे घर में जो भी भूत बाधा है, प्रेत बाधा है। हे भगवान जी ! हे हनुमान जी, श्री पंडोखर सरकार की तरफ से, उनकी गद्दी की ओर से जो मुझे प्रेरणा दी गई है। वह फलीभूत हो। एक कहावत है – “फुरो मंत्र ईश्वरो वाचा, सत्यनाम गुरु का”। विद्वानों का यह मत है, इस मत को समझना चाहिए। एक नारियल लीजिए, किसी भी पंडा पुजारी से मंत्र पढवाने की आवश्यकता नहीं है। अपना गुरु मंत्र बोलिए। नहीं तो आपके नजदीक में हनुमान जी का मंदिर हो, दुर्गा जी का मंदिर हो, वहां पर चले जाईये। जहां चौखट पर चढ़ाने का स्थान हो उस चौखट पर चौखट पर चढाइए। जहां शिवलिंग पर चढ़ाने का विधान हो वहां शिवलिंग पर चढाइए। जहां चरणों में चढ़ाने का विधान है वहां चरणों में चढाइए। जहां पात्र में चढ़ाने का विधान हो वहां पात्र में चढाइए। आप जिस भी देवी, देवता को मानते हों वहां एक नारियल लेकर जाएँ और वही से रोली, सिंदूर, चावल लेकर नारियल पर लगा लीजिए।
यदि आप दीक्षा प्राप्त हैं। गुरु मंत्र लिए हैं। आपके पास दीक्षा मंत्र है जो गुरुदेव ने मंत्र दिया है। इस मंत्र को आप कम से कम 5 बार, 7 बार, 11 बार, 21 बार या 108 बार जितना आपके पास टाइम हो उतना अधिक आप अपने गुरु मंत्र का जप करिए और बोलिए – हे ठाकुर जी ! हे हनुमान जी महाराज ! हे मां भगवती दुर्गा आपके होते हुए मैं बहुत परेशान हैं। कष्ट में हूँ। यदि पंडोखर सरकार गुरुदेव ने जो हम सबको उपचार, उपाय बताया है। जो “फुरो मन्त्र ईश्वरो वाचा सत्यनाम गुरु का आदेश” मां भगवती आपकी शरण में हूँ, आप हमारा संकट दूर करो। फिर उसके बाद इस नारियल को अपने घर में रख दें। आपके घर की भूत-प्रेत बाधा खत्म हो जाएगी।
आपको बता दें नारियल छूने से उसमें कोई शक्ति नहीं आती है। जल में फूंकने से कोई शक्ति नहीं आती है। यह तो लोगों के दिमाग का भ्रम है कि बाबाजी के छूने से शक्ति आती है। शक्ति ऐसे नहीं आती। उसके लिए विधान करना होता है। उसके लिए जप करना होता है। तभी वह फलीभूत होता है।
एक ही नारियल को अलग अलग तरीके से दिया जाता है। सब शक्तियों को अलग अलग तरीके से अलग-अलग बीमारियों के हिसाब से दिया जाता है। अलग-अलग भूत बाधा के हिसाब से, अलग-अलग विषय के हिसाब से, उसको लेकर भगवान से प्रार्थना किया जाता है। परमात्मा मैं आप की शरण में इस कार्य के लिए, उसका संकल्प अपने हाथ में दे रहा हूं। हमारा कार्य सफल हो जाएगा तो यह नारियल आपके चरणों में ला करके आपके हवन में डालेंगे और यहां पर कन्या भोज करायेंगे । रामायण कराएंगे, श्रीमद्भागवत महापुराण कराएंगे। वेद मंत्रों की ध्वनि कराएंगे। आदि-आदि तरीके से अपने अपने ईष्ट से प्रार्थना की जाती है। इस तरीके से कार्य करने पर सफल होता है।