ऑप्शन ट्रेडिंग के काला सच को नहीं जानोगे तो जिंदगी भर पछताओगे। यदि आप ऑप्शन ट्रेडिंग (Option Trading) करते हैं तो इस आर्टिकल को एक बार ध्यान से जरूर पढ़ें। दोस्तों ! भारत में जितने भी रिटेल इन्वेस्टर हैं वह कभी ना कभी ऑप्शन ट्रेडिंग जरूर करते हैं और उस ऑप्शन ट्रेडिंग (Option Trading) में उनको लॉस के अलावा कुछ हाथ नहीं लगता है। आज हम इसी विषय पर चर्चा करेंगे की रिटेल इन्वेस्टर को ऑप्शन ट्रेडिंग में हमेशा लॉस क्यों होता है ?
दोस्तों ! ऑप्शन ट्रेडिंग एक ऐसा दलदल है जिसमें आदमी एक बार फंस जाता है तो बाहर निकलना बड़ा मुश्किल हो जाता है, जब तक कि वह दिवालिया ना हो जाए। ऑप्शन ट्रेडिंग (Option Trading) एक ऐसा नशा है जो शराब के नशे से भी 100 गुना होता है। आदमी हर ट्रेडिंग में सोचता है कि अब प्रॉफिट बुक कर लूंगा लेकिन उसे निराशा ही हाथ लगता है, क्योंकि रिटेल इन्वेस्टर या तो कॉल ऑप्शन (Call Option) को Buy करता है या पुट ऑप्शन (Put Option) को Buy करता है। अकेले कॉल को Buy करना या अकेले फुट को Buy करना सबसे बड़ा रिस्की काम होता है, क्योंकि इसमें प्रॉफिट के चांसेस 100 में 20% ही होता है।
मार्केट का 5 सेचुएशन होता है – हाय अप मूवमेंट, हाई लो मूवमेंट, लो अप मूवमेंट, लो डाउन मूवमेंट और नो मूवमेंट।
जब हम कोई भी नेकेड पोजीशन यानि सिंगल कॉल या पुट को Buy करते हैं तो उसमें हमें तभी लाभ होता है जब मार्केट में तेज मूवमेंट आता है। लेकिन अगर मार्केट में कॉल Buy करने पर हाई लो मूवमेंट हुआ तो नुकशान, लो डाउन मूवमेंट हुआ तो नुकशान, नो मूवमेंट हुआ तो हुआ तो नुकशान और मार्केट में अगर थोड़ी सी मूवमेंट आती है, तो भी हमें कोई खास मुनाफा नहीं होता है। इसी तरह पुट buy करने पर भी सेम सेचुएशन देखने को मिलता है।
कॉल बायर या पुट बायर सिर्फ एक ही सिचुएशन में पैसा कमाता है जब मार्केट में हाई मूवमेंट आता है। मार्केट की जो 5 स्थितियां है उसमें केवल एक ही ऐसी स्थिति है जिससे पैसा बनता है बाकी चार स्थितियों में Call Buyer या Put Buyer को कोई मुनाफा के बजाय नुकशान ही होता है। इसलिए आप लोगों से रिक्वेस्ट है कि Call और Put में कभी भी नेकेड पोजीशन यानी सिंगल कॉल या सिंगल फुट खरीद करके ट्रेडिंग करने की कोशिश न करें। जब भी करें एक स्ट्रैटेजी के साथ ट्रेडिंग करें। जिससे फायदा हो या ना हो लेकिन उसमें नुकसान बहुत कम होता है।