शेर हिंसा करके खाता है उसके लिए पाप नहीं है, बिल्ली चूहा पकड़ कर खा जाती है उसके लिए भी पाप नहीं है, लेकिन मनुष्य अगर निर्जीव जानवरों को मार कर खाता है तो उसके लिए पाप माना गया है। मनुष्य के दांत शाकाहारी ढंग से बनाए गए हैं। हिंसक पशुओं के दांत और आंख मांसाहारी ढंग से बनाए गए हैं। इसलिए मनुष्य को शाकाहार भोजन करने की बात कही गयी है जिससे मनुष्य का सतोगुण बढ़े।
हेल्थ मिनिस्टर मैडम क्यूरी ने अपने रिसर्च को टीवी में, समाचार पत्रों में घोषित करवाया था कि अंडा खाने से कितना हानि होती है। जो लोग प्रोटीन के नाम से अंडा खाते हैं उनको पता नहीं कि और चीजों में भी अंडे से ज्यादा प्रोटीन है। मूंगफली में, चना में, मसूर में, उड़द में खूब प्रोटीन भरा पड़ा है। कैल्शियम अंडे से 5 गुना ज्यादा टमाटर में है। अंडा में सी विटामिंस तो नहीं के बराबर है। 200 अंडे खाने से जितना सी विटामिन मिलता है उतना तो एक आंवला खाने से मिल जाता है। सौ ग्राम संतरा से उतना सी विटामिंस मिल जाता है। अंडा और मुर्गी के मांस में खूब कोलेस्ट्रॉल है। अंडा और मांस खाने से शरीर में कोलेस्ट्रॉल बढ़ जाता है, जो शरीर के लिए हितकर नहीं है। इससे हार्ट की बीमारी होने की संभावना बढ़ जाती है। अंडे में जो पीला पदार्थ है उससे आंतों की बीमारी होती है। अंडे में जो उत्तेजना तत्व है वह सेक्सुअल केंद्र को प्रभावित करता है। एक तो ऐसे ही लोगों के शरीर में वीर्य शक्ति कमजोर है दूसरा अंडा खा करके अपना उत्तेजना बड़ा लेते हैं, जिसकी वजह से स्वप्नदोष आदि बीमारियां आ घेरती हैं।
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विज्ञानी और डॉक्टरों का कहना है कि फलों और सब्जियों में जो तंतु पाए जाते हैं वह मांस में नहीं पाए जाते हैं, इसलिए मांस देर से पचता है। दूसरी खतरे की बात यह है कि जिन जीवो का हम मांस खाते हैं उनका जब मांस खाने के लिए हत्या का कार्यक्रम होता है, तो उनके जीवन की वह अत्यंत दुख की घड़ी होती है। उससे ज्यादा उनकी कोई दुख की घड़ी नहीं होती जिस समय वे काटे जाते हैं या उनपर छुरी रगडी जाती है। उस समय वह अत्यंत अशांत होते हैं, उनका दुःख आखरी पॉइंट पर होता है और उस समय वह अत्यंत अशांत होते हैं। उनके दुख और अशांति उनके मांस में संक्रामक हो जाता है और वही मांस खाने वाले को वंशानुगत अशांति देता है। आजकल की मुर्गियां को छोटी-छोटी जगह और पोल्ट्री फार्म में पालनी पड़ती है जहां उनकी चोंचे काट दी जाती है और चोंचे कटी हुई मुर्गियां दो-तीन दिन तक खाना नहीं खा पाती हैं। बाद में बेचारी बड़ी मुश्किल से खाना खा पाती है। कई मुर्गियों को इससे कैंसर की बीमारी हो जाती है। मुर्गे खाने वाले पैसा देकर मुर्गी तो खरीदते हैं साथ में कैंसर की बीमारी खरीदते हैं।