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    sukh shanti ke liye kya kare

    यह प्रयोग किसी भी शुक्ल पक्ष की पंचमी को संपन्न किया जाता है और आगे 3 महीनों तक प्रत्येक पंचमी को करना आवश्यक होता है। उदाहरण के लिए यदि पौष मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी को यह प्रयोग किया गया है तो माघ शुक्ल पक्ष की पंचमी और फाल्गुन शुक्ल पक्ष की पचंमी को मात्र एक दिन प्रयोग करने से इसमें अनुकूलता प्राप्त होती है। 

    घर में किसी प्रकार का कलह, मतभेद, समस्याएं, परेशानियां, पति पत्नी में मतभेद, कुटुम्बिक कलह, पुत्र का विपरीत विचार रखना, पुत्रवधू की तरफ से परेशानी या सास की दुष्टता आदि गृहस्थ की किसी भी समस्या के निराकरण के लिए या प्रयोग विशेष रूप से लाभदायक और महत्वपूर्ण है। 

    प्रयोग करता शुक्ल पक्ष की पंचमी को सफेद आसन बिछाकर पूर्व की तरफ मुंह करके बैठ जाए और सामने भोजपत्र पर निम्नलिखित यन्त्र कुमकुम से अंकित कर उस पर गृहस्थ सुख प्राप्ति यंत्र स्थापित करें। 

    फिर यंत्र की पूजा करें और हकीक माला से निम्नलिखित मंत्र का जप करे, इसमें पांच माला के जप का विधान है। साधना समाप्ति के बाद भोजपत्र व यंत्र किसी सुरक्षित स्थान पर रख दें। इस प्रकार तीन पंचमी तक करें। जब तीनों बार का प्रयोग संपन्न हो जाए तब उस भोजपत्र को शीशे के फ्रेम में मढ़वाकर पूजा स्थान में या किसी अन्य स्थान पर टांग दें। तो घर का कलह और समस्या मिट जाता है। गृहस्थ सुख प्राप्ति यंत्र व माला को किसी नदी में प्रवाहित कर दें।

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